New Emission Norms in India: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, नितिन गडकरी ने हाल ही में वाहन निर्माता कंपनियों से अगले बीएस-7 नॉर्म्स (भारत स्टेज-7) के मुताबिक, अपनी तैयारी शुरू करने की अपील की है. ताकि यूरोपियन यूनियन कन्ट्रीज में 2025 में लागू होने वाले नए आरडीई नॉर्म्स यूरो 7 के साथ कदम मिलाया जा सके.


टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक, व्हीकल स्टैंडर्ड को लेकर हुई एक मीटिंग में, जिसमें लगभग सभी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, में बोलते हुए कहा कि आपको अपने स्तर पर बीएस7 गाड़ियों को बनाने को लेकर रिसर्च शुरू कर देनी चाहिए. हमारी इंडस्ट्री को यूरोपियन यूनियन से मुकाबला करना चाहिए. पिछली बार सरकार को डेडलाइन घोषित कर इंडस्ट्री को नए नॉर्म्स को अपनाने के लिए धक्का देना पड़ा था, जबकि इसके लिए आपको इंतजार नहीं करना चाहिए.


बीएस4 से बीएस6


भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को यूरो6 से मुकाबला करने के लिए, अप्रैल 2020 में बीएस4 से सीधे बीएस6 पर छलांग लगनी पड़ी थी. भारत ने 1 अप्रैल 2023 से बीएस6 फेज II नॉर्म्स को लागू किया है जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रियल टाइम एमिशन नॉर्म्स पर जोर देना है. जिसे मॉनिटर करने के लिए सभी नई गाड़ियां OBD (On Board Diagnostic) सिस्टम से लैस होंगी.


टू-थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर में अंतर


यहां इस बात पर ध्यान दिया जाना जरुरी है कि, देश में दो पहिया-तीन पहिया और चार पहिया के एमिशन नॉर्म्स में अंतर है. जोकि कारों के बराबर नहीं हैं. अब देश में टू-व्हीलर्स को भी बीएस-6 नॉर्म्स के मुताबिक और OBD सिस्टम से लैस होना चाहिए. ताकि रियल टाइम एमिशन को मॉनिटर किया जा सके. हालांकि अब भारत में बिकने वाली गाड़ियों का E20 फ्यूल के साथ कम्पेटिबल होना जरुरी है.


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