Budget 2024: इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बजट में हुआ ये ऐलान
FAME II स्कीम का लक्ष्य 10 लाख दोपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, 500,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, 55,000 इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर और 7,090 इलेक्ट्रिक बसों को सब्सिडी देना है.
Interim Budget 2024: वित्त मंत्री सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार चार्जिंग इंफ्रा को सपोर्ट करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम का विस्तार करेगी. उन्होंने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए ई-बसों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
बजट भाषण में सीतारमण ने कहा, "हमारी सरकार मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये ई-व्हीकल इकोसिस्टम का विस्तार करेगी साथ ही इसे मजबूत करने का भी काम होगा. पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिजम के माध्यम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए ई-बसों को ज्यादा से ज्यादा अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा." EV इंडस्ट्री के लिए चार्जिंग एक बड़ा इशू है, इसे भी वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में जगह दी है.
पिछले साल अपने पिछले बजट में, सीतारमण ने इलेक्ट्रिक व्हीकल में उपयोग की जाने वाली बैटरी के लिए लिथियम-आयन सेल्स के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी को छूट दी थी. कपड़ा और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर लिथियम-आयन बैटरियों पर सीमा शुल्क 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया. ईवी बैटरियों पर सब्सिडी एक और साल के लिए बढ़ा दी गई.
भारत सरकार ने ICE मॉडल्स (पेट्रोल-डीजल वाहन) से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. गवर्नमेंट ने 2030 तक देश में सभी नए व्हीकल्स की बिक्री में ईवी की 30% हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है. अभी वाहनों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी बहुत कम है, कारों में लगभग 2% तो वहीं दोपहिया वाहनों में 5% तक है.
मौजूदा समय में, FAME इंडिया स्कीम का दूसरा चरण 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए लागू है, जिसमें कुल बजटीय सहायता ₹10,000 करोड़ है. यह 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाला है. केंद्र ने FAME I के पहले चरण के लिए ₹895 करोड़ निर्धारित किए थे, जिसकी समय सीमा 2015 से 2019 तक थी. बाद में 2019-24 के लिए FAME II में इस आवंटन को बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ कर दिया गया था.
वहीं मई 2023 में, FAME II स्कीम के तहत प्रोत्साहन को घटाकर ₹10,000 प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया और इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की एक्स-फैक्ट्री प्राइस का 15% तय कर दिया गया. यह कदम इसलिए उठाया गया था ताकि योजना के लिए बजटीय आवंटन, प्रोग्राम के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने से पहले खत्म न हो जाए.
FAME II स्कीम का लक्ष्य 10 लाख दोपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, 500,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, 55,000 इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर और 7,090 इलेक्ट्रिक बसों को सब्सिडी देना है. यह योजना E2Ws और बसों के लिए लक्ष्य हासिल करने में सफल रही है. लेकिन कंपनियों द्वारा स्थानीयकरण प्रतिबद्धताओं का पालन न करने और योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त न करने के कथित उदाहरणों के कारण कार्यान्वयन बाधित हुआ है.
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