आपको पसंद आने वाली सेकंड हैंड कार एक्सीडेंटल तो नहीं! ऐसे करें आसानी से पहचान
सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त करें पूरी जांच परख. इन ट्रिक से पता लगाएं कहीं डीलर आपको एक्सीडेंटल कार तो नहीं बेच रहा है.
कोरोना की वजह से इन दिनों लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह अपने वाहन से जाने-आने में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ऐसे में हर कोई चाहता है कि उसके पास अपना वाहन हो. कुछ लोग नई कार खरीद रहे हैं तो कुछ लोग ऐसे वक्त में सेकंड हैंड कार खरीदना सही समझ रहे हैं. हालांकि सेकंड हैंड कार की बढ़ती बिक्री को देखते हुए इनमें कई तरह की धोखाधड़ी के मामले में भी सामने आ रहे हैं. अगर आप ऑनलाइन कार खरीद रहे हैं तो आपको बहुत सावधान रहने की जरुरत है.
ऑनलाइन कार खरीददारी के ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों को कोई और कार दिखाकर दूसरी कार दे दी गई. कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें एक्सीडेंटल कार को अच्छी तरह पेंट और तैयार करके आपको बेच दिया गया. इसलिए कोशिश करें कि सेकेंड हैंड कार ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन तरीके से ही खरीदें. इसका फायदा ये है कि आप अपनी पसंदीदा कार को अच्छी तरह से जांच परख सकते हैं. इस बात का पता लगा सकते हैं कि कहीं आपकी कार एक्सीडेंटल तो नहीं है.
आज हम आपको ऐसी जरूरी बातें बता रहे हैं जो सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त आपको ध्यान रखनी है. इन टिप्स से आप चुटकियों में ये पता लगा सकते हैं कि आपको पसंद आने वाली कार का कभी एक्सीडेंट तो नहीं हुआ. ऐसे चेक करें.
कार का एक्सीडेंट हुआ है ऐसे पता करें
1- जब भी आप कार खरीदने जाते हैं डीलर्स बड़े शानदार तरीके के कार की सारी डिटेल्स आपको बताते हैं लेकिन कार एक्सीडेंटल है या नहीं ये कोई नहीं बताता. कई बार एक्सीडेंट वाली कार में नया पेंट और रिपेयर करा कर डीलर ऐसी गाड़ियों को आपको बेच देते हैं. एक आम आदमी का ये पता लगाना मुश्किल होता कि कार का एक्सीडेंट हुआ है. लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो कार के चेसिस, डूम और पिलर से इसका पता लगाया जा सकता है. आप कार खरीदते वक्त गाड़ी के चेसिस को नीचे की ओर से चारों तरफ से देखें कि कहीं कोई प्ले या बेंड तो नहीं है. अगर आपको कहीं कोई प्ले या बेंड नज़र आता है तो समझिए गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ है.
2-आप कार के पिलर्स को देखकर भी काफी हद तक गाड़ी के एक्सीडेंटल होने का पता लगा सकते हैं. आप जब दरवाजे खोलेंगे तो वहां पिलर्स पर लगी रबर को हटा कर देखें. आपको बहुत सारे डॉट नजर आएंगे, अगर इन डॉट में कोई क्रेक या जॉइंट दिखे तो गाड़ी के एक्सीडेंटल होने का पता लग सकता है.
3-आप कार के डूम को देखकर भी एक्सीडेंट का पता लगा सकते हैं. बोनट खोलकर इंजन के पीछे वाला हिस्सा जहां सस्पेंशन लगा होता है वहां आपको डूम दिखाई देगा. जिसके ऊपर सस्पेंशन टिका होता है. अगर कार का एक्सीडेंट हुआ है तो सबसे पहले यही हिस्सा क्षतिग्रस्त होता है. इस डूम पर कंपनी की पेस्टिंग होती है, लेकिन एक्सीडेंट के बाद पेस्टिंग निकल जाती है और इसे दोबारा नहीं लगाया जा सकता. कंपनी की तरफ से सिर्फ नई गाड़ियों में ही पेस्टिंग आती है. कंपनी पुरानी गाड़ी पर दोबारा पेस्टिंग नहीं करती.
4- कार खरीदने से पहले उसे बिल्कुल समतल जगह पर खड़ी कर दें. अब दूर जाकर सेंटर में खड़े हो जाएं और गाड़ी की बनावट को ध्यान से देखें. ऐसे ही गाड़ी के बैक साइड में खड़े होकर भी देखें. अगर आपको दोनों तरफ से बनावट में कोई अंतर दिखाई दे तो गाड़ी के एक्सीडेंटल होने का अंदाजा लगाया जा सकता है. आपको हैचबैक कार को 6 से 7 फीट और एसयूवी कार को 9 से 10 फीट दूर से देखना है.
5-अगर आपको कार का कोई हिस्सा कुछ झुका या उठा हुआ दिखे तो इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है. आपको जहां शक हो वहां की रबर खोलकर पिलर्स की पेस्टिंग चेक कर लीजिए. एक्सीडेंट के बाद पेस्टिंग बिगड़ जाने पर उसे दोबारा उसी फिनिशिंग से बनाना मुश्किल होता है. ऐसे में आपको गाड़ी के एक्सीडेंट का पता लग जाता है.