पिछले छह महीनों में देश में सीएनजी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है. कुछ शहरों में तो इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. अडानी गैस ने अहमदाबाद में सीएनजी की कीमतों में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जबकि गुजरात गैस ने गुजरात में अपने सभी परिचालन क्षेत्रों में 30% की बढ़ोतरी की है. दिल्ली में इंद्रप्रस्थ गैस ने कीमतों में 33% की बढ़ोतरी की है, जबकि मुंबई में, महानगर गैस ने कीमतों में 27% की बढ़ोतरी की है. अकेले मार्च में अहमदाबाद में कीमतों में 9.6 रुपये प्रति किलोग्राम और दिल्ली में 7 रुपये की वृद्धि हुई है.
तुलनात्मक रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले छह महीनों के बाद अब बढ़ोतरी होना शुरू हो गया है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की दरें पहले की तुलना में अब कम हो गई हैं. एक समय यह 139 बैरल तक पहुंच गईं थीं. पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर अक्सर राजनीतिक असर भी पड़ता है जबकि सीएनजी की देश में सीमित पहुंच के कारण, काफी हद तक यह राजनीतिक असर से बच जाती है.
सिटी गैस कंपनियों को सस्ती और स्थिर घरेलू गैस तक पहुंच का दोहरा फायदा मिलता है. यह शहर के गैस वितरकों के लिए असाधारण लाभ मार्जिन सुनिश्चित करता है. अक्टूबर में घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में 62% की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप अक्टूबर-नवंबर में सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी. पिछले छह महीनों में एलएनजी की कीमतें बेहद ऊंची रही हैं.
सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी ने एलएनजी की दरों में वृद्धि के कारण इनपुट लागत में वृद्धि को ऑफसेट किया है, जिसमें सीएनजी ग्राहकों के लिए गैस मिश्रण का लगभग 10-15% शामिल है. हालांकि, इन सब स्थितियों के बीच आम आदमी पर बोझ बढ़ा है क्योंकि उसे सीएनजी के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं.
यह भी पढ़ें-
कभी भी रेड लाइट पार की है तो तुरंत ऐसे देखें कि चालान कटा या नहीं
पहाड़ों के ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलाने के लिए कैसी कारें होती हैं बेस्ट? यहां जानिए
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI