Electric Taxi: टैक्सी वाहन सेवा प्रदाता कंपनी उबर टेक्नोलॉजीज ने कहा है कि टैक्सी सेवाओं में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने की दिल्ली सरकार की हालिया घोषणा के बाद लाखों लोगों की जरूरतें प्रभावित हो सकती हैं और कई कंपनियां अपनी इस सेवा को बंद भी कर सकती हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उबर और ओला जैसी राइड-हेलिंग कंपनियां जिन वाहनों का उपयोग करती हैं, उन्हें चलन से बाहर करने के किए दिल्ली की नई नीति के तहत योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है. यदि यह नियम लागू किया जाता है, तो यह तेल के आयात को कम करने और प्रदूषण को कम करने के लिए, ग्रीन एनर्जी पर चलने वाले वाहनों के विस्तार में तेजी आएगी. जो देश के प्रदूषण कम करने के लिए एक आक्रामक कदम हो सकता है. 


उबर ने क्या कहा?


उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के निदेशक संचालक शिव शैलेंद्रन ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा है कि इस तरह के किसी भी कदम से शहर में एक लाख से अधिक चालकों की आजीविका के खतरे में पड़ने की संभावना है. "प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रण करना एक साझा लक्ष्य है, जहां किसी के लिए अकेले पहुंचना संभव नहीं है. जब तक हम जीरो एमिशन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ऐसे साहसिक कदम उठाने की जरूरत होती है."   


उबर ने भारत सहित, दुनिया के कई देशों में जीरो एमिशन वाहनों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सार्वजनिक परिवहन या माइक्रो मोबिलिटी के साथ अपनी 100% सवारी के लिए 2040 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


सरकार ने क्या कहा?


दिल्ली सरकार ने रविवार को अखबारों के विज्ञापनों में कहा है कि दोपहिया बाइक टैक्सी की सवारी की पेशकश करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कुछ परिवहन नियमों का उल्लंघन होता है.


दिल्ली सरकार की अंतिम रूप दी जा रही एग्रीगेटर नीति में केवल इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स को बाइक टैक्सी के रूप में चलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को कहा कि दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए एग्रीगेटर नीति अपने अंतिम चरण में है, और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा.


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