आखिर ऐसा क्या हुआ कि BMW को एक ई-रिक्शा कंपनी के खिलाफ हाई कोर्ट जाना पड़ गया?
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय ई-रिक्शा निर्माता कंपनी ओम बालाजी ऑटोमोबाइल को बीएमडब्ल्यू जैसे ट्रेड मार्क डीएमडब्ल्यू का इस्तेमाल करने से रोक दिया है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय ई-रिक्शा निर्माता कंपनी ओम बालाजी ऑटोमोबाइल को जर्मनी की कंपनी बीएमडब्लू से मिलता जुलता ट्रेड मार्क इस्तेमाल करने से रोक दिया है. कोर्ट ने कहा ई-रिक्शा ऐसा कोई ट्रेडमार्क का इस्तेमाल नहीं करेगी जो कि बीएमडब्ल्यू से मिलता हो.
न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि बीएमडब्लू कंपनी यह मामला बनाने में सफल रही है कि ई-रिक्शा कंपनी ने छल के इरादे से उसके ट्रेड मार्क से मिलता हुआ नाम इस्तेमाल कर उसकी प्रतिष्ठा से अनुचित फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
कोर्ट ने भारतीय कंपनी ओम बालाजी ऑटोमोबाइल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के इस रुख को भी खारिज कर दिया कि वह 2013 से 'डीएमडब्ल्यू' ट्रेड मार्क के तहत ई-रिक्शा का निर्माण कर रही है और बीएमडब्ल्यू ने चार सालों की देरी के बाद 2017 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
कोर्ट ने कहा कि बीएमडब्ल्यू द्वारा देरी से दायर किया गया वाद भी आदेश देने से रोकने के लिए काफी नहीं होगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि बीएमडब्ल्यू 1923 से इसी ट्रेड मार्स के मोटरसाइकिल बना रही है और 1928 से कारों का निर्माण कर रही है. डीएमडब्ल्यू ट्रेड मार्क आम आदमी के मन में भ्रम पैदा कर सकता है.
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