घर से निकल रहे हैं तो जान लें ये बात, इस कागज के न होने पर कट रहा मोटा चालान
PUC सर्टिफिकेट न होने पर मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 की धारा 190 (2) के तहत आपका चालान काटा जा सकता है. इस एक्ट में 10 हजार रुपये का जुर्माना या 6 महीने की जेल या फिर दोनों का प्रावधान है.
PUC Rule and Challan: जिन भी शहरों में पॉल्यूशन ज्यादा होता है, वहां पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) का होना अनिवार्य माना जाता है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इस सर्टिफिकेट को लेकर काफी सख्त रहती है, जिसके चलते जमकर चेकिंग की जाती है. पुलिस ने 4 महीने के अंदर 1 लाख से ज्यादा लोगों के चालान किए हैं.
इस सर्टिफिकेट का होना बेहद जरूरी
अगर किसी के पास यह सर्टिफिकेट नहीं होता है तो उसका 10 हजार रुपये का चालान काटा जा सकता है. इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए सिर्फ और सिर्फ 100 रुपये खर्च होते हैं. दिल्ली-एनसीआर में PUC सर्टिफिकेट का होना बेहद जरूरी है. इससे पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना पॉल्यूशन कर रही है. ट्रैफिक पुलिस की नजर उन गाड़ियों पर रहती है, जो पॉल्युशन फैलाती हैं.
यह सर्टिफिकेट तभी जारी किया जाता है जब PUC सेंटर पर चेकिंग के दौरान गाड़ी तय सीमा के दायरे पर पाई जाए. अगर आपकी गाड़ी पॉल्युशन करती है तो इसके लिए गाड़ी की रिपेयरिंग या ट्यूनिंग के लिए कहा जाता है. इतना ही नहीं दिल्ली के कई पेट्रोल पंप और वर्कशॉप पर पॉल्युशन चेकिंग सेंटर की लिस्ट जारी की गई है.
इस एक्ट के तहत काटा जाएगा चालान
अगर आपके पास PUC सर्टिफिकेट नहीं है या फिर एक्स्पायर हो चुका है तो मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 की धारा 190 (2) के तहत आपका चालान काटा जाएगा. इस एक्ट में 10 हजार रुपये का जुर्माना या 6 महीने की जेल या फिर दोनों का प्रावधान है.
इसके अलावा ट्रांसपोर्ट विभाग पीयूसी न होने पर गाड़ी के ऑनर का लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड भी कर सकता है. अगर PUC सर्टिफिकेट होने के बाद भी गाड़ी पॉल्युशन ज्यादा कर रही है तब 7 दिन के अंदर आपको नया PUC सर्टिफिकेट लेना होगा.
यह भी पढ़ें:-
फैमिली को खरोंच तक नहीं आएगी! 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग के साथ आती है Mahindra की यह सस्ती गाड़ी