EV Adoption: टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, बोर्जो-इंट्रा सिटी डिलीवरी सर्विस द्वारा किये गए एक सर्वे के अनुसार, 75 प्रतिशत से भी ज्यादा सर्विस करने वाले लोगों ने अपने पेट्रोल व्हीकल को छोड़ इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपना लिया है. इसकी राय लगभग 6,000 राइडर्स से ली गयी, जो खुद इस बदलाव का हिस्सा हैं और एक डिलीवरी वर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं. ये एक बड़े बदलाव की तरफ इशारा है, जोकि लास्ट मील तक डिलीवरी का काम करने वाले भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने में अपनी हिस्सेदारी दिखा रहे हैं.
ये सर्वे आखिरी पॉइंट तक डिलीवरी करने वाले राइडर्स के बीच, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बढ़ती लोकप्रियता की तरफ इशारा कर रहा है. जबकि ज्यादातर डिलीवरी राइडर्स पहले ही इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स को अडॉप्ट कर चुके हैं या अडॉप्ट करने के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ये इस बात का सबूत है कि, इलेक्ट्रिक गाड़ियां किफायती, सस्टेनेबल और डिलीवरी सर्विस के लिए बेहतर साबित हो रही हैं.
सर्वे के मुताबिक, इसमें शामिल होने वाले 75.6% प्रतिशत से अधिक लोग पहले ही अपने काम के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपना चुके हैं और जिन्होंने अभी तक ईवी नहीं अपनाया, उनमें से 70.5% अपने काम के लिए भविष्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने के लिए तैयार हैं. जिन लोगों से बात की उनमें से 77.4% ने ईवी अपनाने के फायदे में सबसे ज्यादा इस बात को हाईलाइट किया कि, इससे फ्यूल पर खर्च होने वाले पैसे की काफी बचत हो जाती है.
इसके अलावा इसके अन्य फायदे जैसे कम किराया, स्मूद राइड और इसे चार्ज करने पर मिलने वाला डिस्काउंट. सर्वे में मिली जानकारी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक व्हीकल यूज करने का सबसे बड़ा फायदा इसकी वजह से होने वाली पैसों की बचत को लेकर है. सर्वे में भाग लेने वाले 50% से ज्यादा लोगों ने बताया कि, ईवी का प्रयोग करने पर पेट्रोल पर होने वाले खर्च का 30% से ज्यादा की बचत हो जाती है.
इसके अलावा सर्वे में शामिल होने वाले लोगों में 59.8% ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बेहतर माना, जबकि 40.2% प्रतिशत ने पेट्रोल ऑप्शन को ही बेहतर माना. जिसकी वजह इसकी चार्जिंग को ढूंढ़ने में होने वाली परेशानियां, बैटरी रेंज में कमी, चार्जिंग में लगने वाला ज्यादा समय और कुछ लोगों ने इसकी मेंटेनेंस का भी जिक्र किया.
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