सेमीकंडक्टर चिप और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चैन बाधित होने के कारण वाहनों के निर्माण तथा उनकी डिलीवरी पर असर पड़ा है. कार निर्माताओं के पास बड़े डिलीवरी ऑर्डर्स है और ग्राहकों को डिलीवरी के लिए काफी इंतजार तक करना पड़ रहा है. कई कारें हैं, जिन पर साल भर तक की वेटिंग चल रही है. ऐसे में अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि अर्थव्यवस्था के पूर्ण रूप से खुलने और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के पटरी पर आने के साथ अगली कुछ तिमाहियों के दौरान यात्री वाहन क्षेत्र की वृद्धि मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है. साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह कहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि सेमीकंडक्टर को लेकर आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और ईंधन के दाम में तीव्र वृद्धि के कारण वाहनों की संख्या पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. एक्यूट ने एक बयान में कहा कि सेमीकंडक्टर से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 में 14.7 प्रतिशत बढ़ी. आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण गाड़ियों को सौंपने में देरी हुई और कुछ मॉडलों के उत्पादन पर असर पड़ा.
एजेंसी ने कहा कि 2020-21 में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए कमजोर तुलनात्मक आधार से भी पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि अच्छी रही थी. एक्यूट ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के अब पूर्ण रूप से खुलने और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के पटरी पर आने के साथ वृद्धि के मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है.’’
ऐसे में एक ग्राहक के तौर पर यह सोचना स्वाभाविक है कि मांग बढ़ने और प्रोडक्शन कम होने की संभावना के कारण कहीं उन्हें डिलीवरी के लिए ज्यादा इंतजार तो नहीं करना पड़ेगा.
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