Diesel Car Driving Tips: देश में दूसरे चरण के बीएस 6 नियम लागू होने के कारण बहुत ही सी कार कम्पनियों ने अपने अधिकतर मॉडल्स से डीजल इंजन को हटा लिया है. लेकिन फिर भी ऐसी कई कारें हैं, जो डीजल इंजन के साथ भारतीय बाजार में मौजूद हैं. साथ ही पहले से भी सड़कों पर बड़ी संख्या में डीजल कारें मौजूद हैं. पेट्रोल कार की तुलना में ये थोड़ा अलग तरीके से चलती हैं. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें डीजल कार चलाने वाले लोग अक्सर ड्राइविंग के दौरान करते हैं. 


टैंक न रखें खाली


डीजल, इंजन कॉम्पोनेंट्स के लिए एक लूब्रिकेंट के रूप कार्य करता है, और यदि ऑयल का लेवल कम है, तो टैंक में फ्यूल पंप कंबशन चेंबर फ्यूल की जगह हवा भेज सकता है. इससे इंजन के पुर्जों में खराबी आ सकती है. टैंक में ऑयल कम होने पर इंजन को अधिक नुकसान हो सकता है. इसलिए डीजल इंजन वाली कार चलाने वालों को हमेशा टैंक में पर्याप्त मात्रा में डीजल रखने की सलाह दी जाती है, जिससे इंजन के इंटरनल पार्ट्स और फ्यूल पंप में कोई खराबी न आए. 


सावधानी से चालू करें इंजन


बहुत सारे लोग गाड़ी स्टार्ट करते ही अधिक रेस लेने लगते हैं, ऐसा करना पेट्रोल इंजन के लिए तो ठीक है, लेकिन ये आदत डीजल इंजन को भारी नुकसान पहुंचा सकती है. डीजल इंजन को स्टार्ट करने के बाद उसे थोड़ी देर गर्म होने के लिए समय देना चाहिए, इससे इंजन की लाइफ अधिक हो जाती है, और इसके खराब होने की संभावना अधिक हो जाती है. स्टार्ट करते ही अधिक रेस देने से इंजन का पिस्टन, पिस्टन रिंग, वाल्व और सिलेंडर जल्दी खराब हो सकते हैं. 


RPM और गियर का तालमेल 


डीजल इंजन वाली कार चलाते समय आरपीएम को कम इंजन और गियरबॉक्स दोनों को बड़ा नुकसान पहुंचता है. इससे इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे उसका परफॉर्मेंस खराब होता है और इंजन की लाइफ भी तेजी से कम होती है. इसलिए कार के यूजर मैनुअल के अनुसार ही आरपीएम और गियर का कॉम्बिनेशन बना कर रखें.


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