Driving License Test: भारत में गाड़ी ड्राइव करने के लिए लाइसेंस तभी मिल सकता है, जब आपने ड्राइविंग टेस्ट पास किया हो. अगर आप सोचते हैं कि ये टेस्ट पास करना आसान है तो अब ऐसा भी नहीं है. आपकी कुछ गलतियों की वजह से आप इस टेस्ट में फेल भी हो सकते हैं.
परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए पहले ड्राइविंग टेस्ट पास करना होता है. वैसे तो ड्राइविंग टेस्ट आरटीओ की ओर से आयोजित की जाती है, लेकिन अब नये नियम के तहत आप निजी ड्राइविंग स्कूलों में भी टेस्ट दे सकते हैं.
टेस्ट देने से पहले करें ये काम
जब भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने जा रहे हों तो पहले आरटीओ के नियमों को अच्छे से समझ लें. इसके साथ ही कार की बुनियादी चीजें जैसे ब्रेक और स्टीयरिंग को भी पहले ही चेक कर लें. अपने दिमाग को ठंडा कर लें और ड्राइविंग टेस्ट देते समय पैनिक न हों. इससे आपके फेल होने की आशंका बढ़ सकती है.
इसके साथ ही ड्राइविंग टेस्ट देने से पहले प्रैक्टिस करना बेहद जरूरी है. टेस्ट के लिए वही गाड़ी लेकर जाएं जिसपर आपका हाथ बैठा हुआ हो और प्रैक्टिस हो.
कुछ जरूरी ध्यान देने वाली चीजें
सभी ड्राइवर को गाड़ी आगे चलाने के साथ ही उसे बैक करना आना भी जरूरी है. गाड़ी रिवर्स करने में भी ड्राइवर को एक्सपर्ट होना चाहिए. ऑटोमेटेड टेस्ट में गाड़ी को S-शेप में रिवर्स करके लाना होता है, जिसमें गाड़ी को कहीं भी टक्कर नहीं लगनी चाहिए. वहीं इस टेस्ट को पूरा करने की भी एक टाइम लिमिट होती है.
अगर आपने अभी-अभी गाड़ी चलाना सीखा है, तो नए ड्राइवर्स के लिए चढ़ाई पर गाड़ी को खड़ा करके दिखाना एक मुश्किल टास्क हो सकता है. इसके लिए आपको पहले थोड़ी कम चढ़ाई वाली जगह पर गाड़ी को खड़ा करने की प्रैक्टिस करनी चाहिए. लेकिन एक आप जब आप इस काम में कॉन्फिडेंट हो जाएं, तो आप ज्यादा चढ़ाई की जगह पर भी गाड़ी पार्क कर पाएंगे.
जब आपको गाड़ी पीछे करनी होती है, तब पैरेलल पार्किंग करना आसान होता है. लेकिन ड्राइविंग टेस्ट में पहले आपको गाड़ी को आगे ले जाने के लिए कहा जाता है, फिर रिवर्स करके जगह पर पार्क करने के लिए कहा जाता है. लेकिन अगर आपने इसे लेकर प्रैक्टिस की है, तो आप आसानी से ये टेस्ट पास कर सकते हैं.
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