Driving License Test: ड्राइविंग टेस्ट में कैसे बनेगा 8 ? फॉलो करें ये टिप्स, मिल जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
Driving License Test Requirements: ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए एक टेस्ट पास करना होता है. इसके लिए गाड़ी को कई तरह से चलाकर दिखाने की जरूरत होती है. इसके बाद ही व्यक्ति को अप्रूवल मिलता है.
Driving License Test: हमारे देश में गाड़ी ड्राइव करने के लिए लाइसेंस तभी मिल सकता है, जब आपने ड्राइविंग टेस्ट पास किया हो. लेकिन ये टेस्ट पास करना इतना भी आसान नहीं है. आपकी गलतियों के चलते आप इस टेस्ट में फेल भी हो सकते हैं. अगर आप किसी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल जाते हैं, तो वहां आपको गाड़ी ड्राइव करने के लिए बेहतर एक्सपीरियंस कराया जाता है. फिर भी ड्राइविंग टेस्ट पास करते वक्त कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
रिवर्स पार्किंग में बने एक्सपर्ट
सभी ड्राइवर को गाड़ी आगे चलाने के साथ ही उसे बैक करना आना भी जरूरी है. गाड़ी रिवर्स करने में भी ड्राइवर को एक्सपर्ट होना चाहिए. ऑटोमेटेड टेस्ट में गाड़ी को S-शेप में रिवर्स करके लाना होता है, जिसमें गाड़ी को कहीं भी टक्कर नहीं लगनी चाहिए. वहीं इस टेस्ट को पूरा करने की भी एक टाइम लिमिट होती है.
गाड़ी को चढ़ाई पर कैसे खड़ा करें?
अगर आपने अभी-अभी गाड़ी चलाना सीखा है, तो नए ड्राइवर्स के लिए चढ़ाई पर गाड़ी को खड़ा करके दिखाना एक मुश्किल टास्क हो सकता है. इसके लिए आपको पहले थोड़ी कम चढ़ाई वाली जगह पर गाड़ी को खड़ा करने की प्रैक्टिस करनी चाहिए. लेकिन एक आप जब आप इस काम में कॉन्फिडेंट हो जाएं, तो आप ज्यादा चढ़ाई की जगह पर भी गाड़ी पार्क कर पाएंगे.
कैसे करें Parallel Parking?
जब आपको गाड़ी पीछे करनी होती है, तब पैरेलल पार्किंग करना आसान होता है. लेकिन ड्राइविंग टेस्ट में पहले आपको गाड़ी को आगे ले जाने के लिए कहा जाता है, फिर रिवर्स करके जगह पर पार्क करने के लिए कहा जाता है. लेकिन अगर आपने इसे लेकर प्रैक्टिस की है, तो आप आसानी से ये टेस्ट पास कर सकते हैं. आज के समय में रिवर्स पार्किंग कैमरा से भी इसमें मदद मिलती है.
कैसे बनेगा 8 ?
अपने वाहन के साथ 8 बनाना ट्रिकी हो सकता है. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि आपको बैक-टू-बैक दो U-turn लेने हैं. सभी टेस्ट की तरह इसमें भी आपके स्टीयरिंग व्हील से कंट्रोल नहीं जाना चाहिए. इस टेस्ट के दौरान ज्यादातर लोगों का ध्यान फ्रंट व्हील की तरफ ज्यादा रहता है और इसी के चलते पीछे वाला पहिया कहीं-न-कहीं टकरा जाता है.
ओवरटेक और जंक्शन स्टॉप
ओवरटेक और जंक्शन स्टॉप, इन दोनों टेस्ट को एक साथ ही कराया जाता है. इस टेस्ट में गाड़ी को किसी दूसरे वाहन से आगे नहीं निकलना होता, बल्कि टेस्ट ट्रैक के एक तरफ कुछ कोन रख दिए जाते हैं और उसी ट्रैक पर आगे बढ़ना होता है. वहीं इसी टेस्ट में आदे चलकर रेड सिग्नल पर गाड़ी रोकनी होती है और सिग्नल के ग्रीन होने पर गाड़ी चलानी होती है.
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