सेफ ड्राइविंग के लिए जरूरी है गाड़ियों में दिए गए सेफ्टी फीचर्स को जानना और उनका सही से इस्तेमाल करना. इससे हादसों को कम किया जा सकता है. इसलिए अगर आप सफर पर निकल रहे हैं और पास लाइट के बारे में जानकारी नहीं है तो इसका जानना फायदेमंद रहेगा. आइए जानते हैं इसका कब और कैसे यूज किया जाता है.


पास लाइट से यात्रा बना सकते हैं सुरक्षित
पास लाइट इंडिकेटर वाले लिवर के ऊपर होता है. लिवर ऊपर करने पर हेड लाइट ऑन हो जाती है. फिर जब लिवर को छोड़ा जाता है तो लाइट ऑफ हो जाती है. इसका इस्तेमाल दूसरी गाड़ियों को सिग्नल देने और अलर्ट करने में किया जाता है. किसी अन्य ड्राइवर को सावधान करने का ये बहुत अच्छा विकल्प होता है. हाईवे पर ड्राइविंग के दौरान हॉर्न की वजह से समझ में नहीं आता कि कौन सी गाड़ी आपसे पास मांग रही है. मगर जब पास लाइट दिखाई देता है तो आप फौरन समझ जाते हैं.


सड़क पर तेज रफ्तार जा रहे हैं और कोई अन्य गाड़ी रास्ता ब्लॉक कर दे तो पास लाइट के जरिए उससे रास्ता क्लियर करने का सिग्नल दिया जा सकता है. पास लाइट आगे वाली गाड़ी के रियर व्यू मिरर में दिखाई देगा. सिंगल लेन में सामने आ रही गाड़ी को हम पास लाइट जलाकर अलर्ट कर सकते हैं. ये सामनेवाले ड्राइवर को अपनी रफ्तार धीमी करने का संकेत होता है. पास लाइट जलाकर आगे वाले ड्राइवर को अलर्ट करेंगे कि हम आपकी गाड़ी को ओवरटेक करने जा रहे हैं और हमारी गति तेज है.


रात में की जाती है इस्तेमाल
पास लाइट का इस्तेमाल नाइट ड्राइविंग में भी किया जाता है. नाइट में ब्लब की रोशनी से आंखों पर चमक पड़ती है. हमें पास लाइट जलाकर आगे वाले ड्राइवर को सिग्नल देना होता है कि अपनी लाइट की बीम धीमा कर ले. समझदार ड्राइवर तुरंत अपनी हाई बीम को लो कर देता है.


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