Electric Car Range: Jaguar I-Pace में दमदार रेंज, लेकिन दूसरी E-Car से लंबा सफर आसान नहीं, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत
Electric Car Range: आजकल सभी इलेक्ट्रिक कारों की बातें कर रहे हैं. हम यह देखना चाहते थे कि एक इलेक्ट्रिक कार रोजाना के इस्तेमाल के लिहाज से कैसी है. हमने Jaguar I-Pace के साथ लॉन्ग ट्रिप राइड किया.
Electric Car Range: आजकल हर कोई इलेक्ट्रिक कारों की बातें कर रहा है और इसे लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी नजर आ रही है. इन सबके बीच हम यह देखना चाहते थे कि एक इलेक्ट्रिक कार रोजाना के इस्तेमाल के लिहाज से कैसी है. क्या रेंज की चिंता सच में इतनी चिंताजनक है कि इलेक्ट्रिक कारों को लेकर आपका नजरिया बदल जाए. इन सबको देखने के लिए हमने उस इलेक्ट्रिक कार को चुना जिसने रेंज के मामले में हमें अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. यह कार थी जगुआर आई-पेस (Jaguar I-Pace). हमने इस कार को पहले मुंबई में चलाकर देखा और बाद में इसे दिल्ली में भी चलाया. इस दौरान हमें इसमें अच्छी रेंज मिली थी और यह अब तक ट्राई किए गए किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन में सबसे अधिक थी. अब हम देखना चाह रहे थे कि यह इलेक्ट्रिक वाहन कुछ दिनों तक के रियल टेस्ट में कैसा प्रदर्शन करतेगी. हमारा प्लान इसे बिना चार्ज किए ज्यादा से ज्यादा दिन बिताने का था. Jaguar I-Pace में WLTP रेंज 480 किमी तक होने का दावा किया गया है. हमारी योजना इसी के करीब जाने की थी. हमने 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए एक्सप्रेसवे को चुना और फिर शहर में बिना किसी चार्जिंग के ड्राइव किया.
95 प्रतिशत बैटरी पर मिली 387 किमी की रेंज
पहले दिन इसमें 95 प्रतिशत बैटरी थी और इसमें हमें 387km की रेंज मिली. ईवी को चलाने की सबसे खास बात इसकी बदली ड्राइविंग शैली है. आई-पेस काफी तेज है. डुअल इलेक्ट्रिक मोटर कार में 400bhp और 696Nm बनाती है. किसी भी इलेक्ट्रिक कार की तरह, इसमें भी सारे पावर तेजी से काम करते हैं और आपको इलेक्ट्रिक कार ड्राइव करते समय स्पीड लिमिट तोड़ने से बचना चाहिए. इसका फास्ट मोड स्पष्ट रूप से बहुत तेज है. एक्सेलेरेटर को हल्का सा प्रेस करते ही स्पीड बढ़ जाती है. इलेक्ट्रिक कार चलाने में काफी आसान है. स्लो ट्रैफिक में इसे चलाना आसान है. कम आवाज भी इसकी खास बात है.
बड़ी होकर भी बड़ी नहीं लगती यह कार
आई-पेस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह कार बड़ी होकर भी बड़ी नहीं लगती. इसकी तेज हैंडलिंग और तेज स्टीयरिंग के साथ इसका अहसास बिल्कुल नहीं होता है कि यह बड़ी और भारी कार है. इसके अलावा, ग्राउंड क्लीयरेंस जिसे बढ़ाया जा सकता है. यह हमारी सड़कों के लिए एक राहत है और यही वजह है कि मैंने रोड ट्रिप के लिए इस कार को ले जाने के बारे में सोचा. कभी-कभी कम हैंगिंग बैटरी पैक के कारण ईवीएस में ग्राउंड क्लीयरेंस की समस्या होती है, लेकिन इस कार के साथ ऐसा नहीं है.
सिटी रूट पर भी ओवरटेक में इलेक्ट्रिक कार शानदार
शहर में, आई-पेस ने हमें काफी प्रभावित किया, लेकिन अब अगले कुछ दिन बिना चार्जिंग के लंबी दूरी के सफर पर जाने के बारे में सोचने का था. सिटी ट्रैफिक में आई-पेस या कोई दूसरी इलेक्ट्रिक कार कम प्रयास और एक पल में ही फुल एक्सेलरेशन प्राप्त कर लेती है. तेज ओवरटेक के लिहाज से देखें तो इस कार ने इतना प्रभावित किया कि लगता हि नहीं कि हम बड़ी एसयूवी चला रहे हैं. यह आपको छोटी हैचबैक चलाने का अहसास दिलाती है.
केबिन है आरामदायक
रेंज बमुश्किल गिरा था, लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे के करीब आने के साथ ही हम अधिकतम तीन डिजिट स्पीड पर जाने के लिए तैयार थे. हम रेंज बचाने की कोशिश न करके सामान्य रूप से ही गाड़ी चला रहे थे. एक क्रूज ने यह भी दिखाया कि आई-पेस का केबिन एक आरामदायक जगह है. इसकी लग्जरी सुविधाएं आपको करोड़ों की कार में बैठे होने का अहसास दिलाती है. हालांकि गर्म दिन में बिना कवर वाली कांच की छत से केबिन बहुत गर्म हो सकता है.
तेज एसी के बाद भी नहीं कम हो रही थी रेंज
वैसे भी, दिल्ली-आगरा रूट पर एक 'ई-कॉरिडोर' होगा जिसमें विभिन्न चार्जिंग स्टेशन जोड़े जाएंगे. वर्तमान में इस रूट पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कम हैं और कम रेंज वाले ईवी से इस रूट पर चलने में दिक्कत आ सकती है. आपको अपनी कार को बीच में चार्ज करना पड़ेगा. हालांकि आई-पेस के साथ ऐसी समस्या नहीं थी. हाईवे पर गर्मी की वजह से एयर कंडीशन के अधिक होने के बाद भी इसकी चार्जिंग जल्दी खत्म नहीं हो रही थी. इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी आमतौर पर शहर में अधिक चलती है, जबकि हाइवे पर कम. यह पेट्रोल और डीजल की कारों की तुलना में उल्टा है लेकिन बात आई-पेस की करें तो इसमें ऐसा कुछ नहीं था.
नहीं मिला उपयुक्त कनेक्टर
हम आई-पेस को चार्ज न करने के प्रति आश्वस्त थे और यह ठीक भी था. दरअसल इसमें अब भी 130 किमी की रेंच बची थी, जो अगले दिन भी एक तेज ड्राइव के लिए काफी थी. हालांकि हमने आस-पास के कुछ चार्जिंग स्टेशनों में इसे चार्ज करने की कोशिश की, लेकिन इन जगहों पर आई-पेस के लिए उपयुक्त कनेक्टर नहीं था. इसलिए हमें इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं थी.
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत
हालांकि इस ट्रिप से यह पता चला कि बेशक आई-पेस जैसे इलेक्ट्रिक वाहन आपको आसानी से 370 किमी की दूरी तय करने में मदद करें, लेकिन रोड पर इलेक्ट्रिक कार के लिए बुनियादी ढांचा अभी तैयार नहीं हुआ है. ऐसी कारों जिनकी रेंज इतनी नहीं है और लंबे ट्रिप पर निकलें तो बिना चार्जिंग के दिक्कत हो सकती है, इसलिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है.