(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पुरानी बैटरियों से तगड़ा जुगाड़, अब भारत में Audi की बैटरियों से चलेंगे ई-रिक्शे
Audi ने अपनी लोकप्रिय Electric Car Audi e-tron में उपयोग की गई बैटरी का इस्तेमाल Electric Rickshaw में करने वाली है. जल्द ही आपको नज़र आयेंगे ये ई-रिक्शे, पढ़े पूरी खबर-
Electric Rickshaw Manufacturers in India : भारत में जर्मनी की दिग्गज कार निर्माता कंपनी Audi ने अपनी लोकप्रिय Electric Car Audi e-tron में उपयोग की गई बैटरी का इस्तेमाल Electric Rickshaw में करने वाली है. इस मामले में भारत की Non profit स्टार्टअप नुनम (Nunam) ने Electric Rickshaw के लिए उपयोग की जाने वाली EV बैटरी को प्राप्त करने के लिए एक इंडो-जर्मन समझौता किया है. भारत में नुनम (Nunam), इन बैटरियों का प्रयोग करके 3 Electric Rickshaw को लॉन्च करने की तैयारी में है. इस स्टार्टअप का मुख्य मकसद यह प्रदर्शित कराना है कि old इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी का प्रयोग दोबारा से किया जा सकता है.
नुनम (Nunam) ने Audi e-tron की इन ओल्ड बैटरियों का प्रयोग करके 3 Electric Rickshaw को डेवलप किया है. वहीं, Audi द्वारा इन इलेक्ट्रिक रिक्शा के लुक और प्रदर्शन को दिखाया गया है. ये Electric Rickshaw ऑडी ई-ट्रॉन की Test गाड़ियों की उपयोग की गई बैटरी द्वारा चालित होते हैं. ऐसे में सम्भावना है कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत, आने वाले साल की शुरुआत में पहली बार Electric Rickshaw भारतीय सड़कों पर उतारे जाएं.
वर्तमान में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की लाइफ होती है कम- आपको बता दें कि इस समय इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर या Electric Rickshaw लेड-एसिड बैटरी द्वारा चलते हैं. वहीं, इनकी सर्विस लाइफ तुलनात्मक रूप से कम देखने को मिली है. Audi की e-tron इलेक्ट्रिक कार में प्रयोग की गई लिथियम आयन बैटरी को इस इलेक्ट्रिक रिक्शा में प्रयोग करने पर इसकी लाइफ लेड-एसिड बैटरी से ज्यादा देखने को मिल सकती है. ई-रिक्शा द्वारा बहुत तेज या बहुत दूर की यात्रा न कर पाना भी बैटरी से जुड़ी एक समस्या ही है.
ऑडी की पुरानी बैटरियां होंगी बेहद शक्तिशाली- Nunam के को-फाउंडर प्रदीप चटर्जी के बयान के मुताबिक पुरानी बैटरियां भी आपको बहुत पॉवरफुल देखने को मिलती हैं और साथ ही अगर इन बैटरी का प्रॉपर सही तरीके से यूज में लिया जाए तो दूसरी बार भी इन बैटरियों में बहुत बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है और आगे भी कहा है कि इससे लोगों को अपनी संघर्ष भरी जिंदगी में आय अर्जित करने और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद मिलती है. आपको बता दें कि Nunam, Berlin और Benglore में स्थित है. वहीं, Nunam को ऑडी पर्यावरण फाउंडेशन की तरफ से फंड भी मुहैया कराया जाता है.
Light waight वाहनों के लिए उपयोगी हो सकती हैं ये पुरानी बैटरी- Nunam के को-फाउंडर प्रदीप चटर्जी कहते हैं कि वाहन की बैटरी को वाहन की लाइफ को चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है. हालांकि, वाहन का प्रारंभिक उपयोग करने के बाद भी, उस बैटरी में काफ़ी ज्यादा पावर बची होती है. यही बैट्रियां लाईट वेट वाहनों के साथ कम रेंज और कम विद्युत की जरूरत वाले वाहनों के प्रयोग में ली जा सकती हैं. आपको बता दें कि यह पायलट प्रोजेक्ट अगर सफल होता है तो इससे पुरानी इलेक्ट्रिक कार बैटरियों को नए सिरे से इस्तेमाल करने के रास्ते खुल सकतें हैं.