Electric Car vs Diesel Car: जब कोई कार खरीदने की प्लानिंग करता है, तो उसकी डिलीवरी से लेकर उसका मेंटिनेंस और रीसेल वेल्यू तक के बारे में सोचता है और ये जरूरी भी है. लेकिन अब इलेक्ट्रिक कार का विकल्प भी आपके पास है. आप पेट्रोल-डीजल के साथ इलेक्ट्रिक कार को भी विकल्पों में शामिल कर सकते हैं. आपकी आसानी के लिए हम इनके नुकसान और फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. ताकि आपको विकल्प चुनने में आसानी सके.


कीमत और रीसेल वेल्यू


कीमत के मामले में ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में अभी भी ऊपर हैं. हालांकि कुछ कारें 10 के बजट में भी उपलब्ध हैं, लेकिन रीसेल के मामले में पेट्रोल-डीजल कार अभी ऊपर है. ज्यादातर लोगों का भरोसा अभी भी पेट्रोल-डीजल कार पर इलेक्ट्रिक कार से ज्यादा है.


मेंटिनेंस और सर्विसिंग


पेट्रोल-डीजल कारों की सर्विस समय पर करना तय है. ये खर्च फिक्स है. लेकिन इलेक्ट्रिक कारें बैटरी के लिए कई हजार किलोमीटर और कुछ सालों की वारंटी की पेशकश कर रहीं हैं. इसमें आप बार पेट्रोल-डीजल लेने की टेंशन से बच जाते हैं साथ ही फ्यूल कारों की तरह सर्विसिंग के समय एयर फ़िल्टर, आयल फ़िल्टर, आयल चेंज जैसा कुछ नहीं करना पड़ता.


बैटरी लाइफ


अलग-अलग कंपनियां, अपनी इलेक्ट्रिक कारों पर अलग-अलग किलोमीटर और कई सालों तक बैटरी पर वारंटी की पेशकश कर रही हैं. लेकिन कार जब तक वारंटी में है. तब तक तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं पड़ती. लेकिन उसके बाद अगर आपको बैटरी चेंज करीनी पड़ेगी, तो ये आपकी जेब पर काफी भरी पड़ेगी.


फ्यूल इंजन


पेट्रोल-डीजल वाली कारों के साथ ऐसा नहीं है, लेकिन इसमें आपको आपको नियमित समय पर सर्विसिंग में रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जोकि एक साथ ज्यादा खर्च होने से थोड़ा रहत भरा होता है. इसलिए रीसेल के मामले में इनकी कीमत ठीक मिल जाती है.


इलेक्ट्रिक कार vs पेट्रोल-डीजल


अगर बार-बार पेट्रोल-डीजल और सर्विसिंग होने पर खर्च होने वाले पैसे और उसमें लगने वाले समय से बचना चाहते हैं, तो आपके लिए इलेक्ट्रिक कार बेहतर विकल्प हो सकता है. वहीं अगर आपका बजट कम है और कार रीसेल वेल्यू को ध्यान में रखकर कार लेना चाहते हैं, तो आप पेट्रोल-डीजल विकल्प पर जा सकते हैं.


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