Electric Vehicles in India: देश में पिछले कुछ सालों से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है, और अगले कई सालों तक ऐसी ही बढ़त की उम्मीद के साथ साथ इन्हें फ्यूचर व्हीकल्स कहा जा रहा है. इसी संबंध में लोक सभा सत्र के दौरान डॉ. अमर लसांह और विजय कुमार हाांसदाक ने देश के भारी उद्योग मंत्री से कुछ सवाल किए, जिसमें उन्होंने पूछा कि,- विगत पांच वर्षों के दौरान देश में स्कूटरों, ऑटो, कारों और ट्रकों विभिन्न सेगमेंट में बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या कितनी है? वर्तमान में विभिन्न सेगमेंट के अंतर्गत बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध ई-वाहनों की संख्या कितनी है? क्या सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए संरचनात्मक चुनौतियों जैसे वाहनों की उच्च लागत, चार्जिंग और बैटरी तकनीक के बारे में उपभोगताओं की धारणाओं के समाधान के संबंध में कोई योजना है? इन सभी सवालों के जवाब में मंत्री ने सदन और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के भारत में मौजूदा स्थिति से अवगत कराया.
जवाब में क्या कहा गया
सदन में पूछे गए इन सवालों का जवाब देते हुए भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-वाहन पोर्टल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में बिके इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दोपहिया सेगमेंट में 4,89,637 है, जो कि कुल बिके 92,76,337 यूनिट्स का 5.28%, तिपहिया सेगमेंट में 3,00,114, जो कुल बिके 5,72,654 यूनिट्स का 52.41%, फोर व्हीलर सेगमेंट में 40,186 यूनिट्स, जो कुल बिके 20,20,459 यूनिट्स का 1.99%, मालवाहक वाहन सेगमेंट में 1,512 यूनिट्स, जो कुल बिके 4,90,920 यूनिट्स का 0.31% है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए कुल 47,058 वाहनों में 985 वाहन इलेक्ट्रिक हैं. यह आंकड़े वर्ष 2018 से 1 अगस्त 2023 तक हैं.
अन्य सवालों के जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि, भारत में हाइबिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण के लिए (फ़ेम इंडिया) सरकार ने कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता से 1 अप्रैल, 2019 से पांच वर्षों के लिए फ़ेम इंडिया स्कीम के चरण-II को शुरु किया है. यह इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को उनके खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करता है.
सरकार ने की करों में कटौती
ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम के तहत सरकार ने 25,938 करोड़ रुपये के बजट से इस पीएलआई स्कीम को 15 सितंबर, 2021 को मंजूरी दी है. इस पीएलआई स्कीम में इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं. साथ ही सरकार ने उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के विकास के लिए पीएलआई स्कीम को 18,100 करोड़ रुपये के बजट व्यय से 12 मई, 2021 को मंजूरी दी है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है और चार्जिंग स्टेशंस पर भी जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि बैटरी चलित वाहनों को हरे रंग के लाइसेंस प्लेट जारी किए जाएंगे और उन्हें परमिट लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स को शून्य करने की भी जानकारी दी गई.
घटी सब्सिडी
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजार में बढ़ती पकड़ को देखते हुए फ़ेम इंडिया स्कीम, स्टेज-II के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी को 40% से घटाकर इसे फैक्ट्री मूल्य का 15% कर दिया है, जिससे अब ई टू-व्हीलर ग्राहकों की जेब पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
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