Electric Vehicle Charging Infrastructure: सरकार अगले दो महीनों के अंदर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के एक एकीकृत दृश्य प्रदान करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च कर सकती है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया है कि अन्य बातों के अलावा, यह ऐप इन स्टेशनों की लोकेशन और क्षमता की भी जानकारी देगा. इस ऐप का डेवलपमेंट और इसके लॉन्च के नेतृत्व का जिम्मा नीति आयोग को मिला है. अधिकारी ने बताया कि, चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटर और इक्विपमेंट निर्माता, इस ऐप के साथ आवश्यक जानकारी शेयर करने के लिए एक मंचपर आए हैं.


दिखेंगे सभी चार्जिंग स्टेशन


फिलहाल इंटरऑपरेबिलिटी की कमी के कारण, एक विशेष ब्रांड वाले ईवी ग्राहक के पास केवल उस विशिष्ट ब्रांड/मॉडल से संबंधित चार्जिंग स्टेशन का ही उपयोग करने का विकल्प होता है. जैसे यदि फिलहाल आपके पास एक टाटा इलेक्ट्रिक कार है, तो आपको कंपनी के ऐप पर केवल टाटा का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर दिखाई देगा. लेकिन इस नए ऐप पर एमजी, मर्सिडीज, ईईएसएल आदि सभी ब्रांड्स के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नजर आएंगे. यह ऐप अगले दो महीने में उपयोग के उपलब्ध होगा.


क्या मिलेंगी सुविधाएं 


शुरूआत में यह ऐप चार्जिंग स्टेशन का स्थान, कनेक्टर, चार्जिंग स्टेशन चालू है या नहीं, इसकी क्षमता आदि की जानकारी दिखाएगा. वाहन कनेक्टर चार्जिंग स्टेशन से इलेक्ट्रिक कार के ऑनबोर्ड चार्जर तक बिजली पहुंचाते हैं. ऑनबोर्ड चार्जर एसी करेंट को डीसी करेंट में परिवर्तित करता है और फिर इसे इलेक्ट्रिक वाहन के बैटरी पैक को रिचार्ज करता है. इस ऐप में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और फास्ट/स्लो चार्जर भी दिखेंगे. यह ऐप यह भी दिखाएगा कि चार्जिंग स्टेशन खुला है (O), या कैप्टिव (C), या अर्ध-सार्वजनिक (SP) है. किसी ब्रांड या बेड़े के स्वामित्व वाले चार्जिंग स्टेशन को कैप्टिव कहा जाता है, जबकि अर्ध-सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन निजी भूमि पर स्थापित किए जाते हैं लेकिन ये पार्किंग जैसे सार्वजनिक उपयोग के लिए खुले होते हैं. खुले या पब्लिक चार्जिंग स्टेशन सड़क के किनारे, रिटेल शॉपिंग सेंटरों, सरकारी फैसिलिटीज और पार्किंग एरिया में स्थापित किए जाते हैं. सरकारी अधिकारी का कहना है कि, "बाद में सरकार का इरादा एप्लिकेशन में बुकिंग और भुगतान जैसी सुविधाओं को भी शामिल करने का है."


होटल्स भी आए आगे 


फिलहाल देश में, 7,000 से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं, लेकिन भारत को हर 75 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए एक चार्जिंग स्टेशन की जरूरत है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को FAME (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) के तहत फ्यूल पंप्स पर 22,000 फास्ट चार्जर स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. कई बड़े होटलों ने भी अपनी संपत्तियों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं और ईवी यात्रियों की बढ़ती संख्या को पूरा करने के लिए इन्हें और अधिक बढ़ाने की योजना बनाई है. इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) ने पिछले साल अपनी 92 संपत्तियों पर 224 EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए, जबकि मैरियट इंटरनेशनल ने 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए चार्जज़ोन के साथ साझेदारी की है. इसके साथ अन्य होटल चेंस भी इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं.


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