Vehicle Torque: हर किसी ने जीवन में कभी न कभी कोई न कोई वाहन जरूर चलाया होगा. हर वाहन की अपनी एक कुछ खासियत होती है, लेकिन किसी भी मोटर व्हीकल का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है उसका इंजन. किसी भी गाड़ी को खरीदते समय लोग उसके फीचर्स और इंजन की जानकारी जरूर हासिल करते हैं. इंजन की क्षमता के मामले में अधिकतर लोग उसके सीसी की संख्या से अंदाजा लगाते हैं, लेकिन इसके अलावा इंजन की कुछ और भी बहुत महत्वपूर्ण चीजों के बारे में आपको जरूर जानकारी होनी चाहिए. जैसे इंजन का टॉर्क और आरपीएम. आज हम आपको इस खबर में इससे जुड़ी जानकारियों को बताने वाले हैं.  


क्या होता है टॉर्क?


टेक्निकल टर्म होने की वजह से अधिकतर लोगों को इस बारे में नहीं पता होता है. लेकिन इसे समझना बहुत ही आसान है. इसका मतलब यह होता है कि किसी गाड़ी के एक्सीलरेटर को प्रेस करने पर एक फोर्स उत्पन्न होता है जिससे गाड़ी में एक झटका महसूस होता है, इसी को विज्ञान की भाषा में टॉर्क कहा जाता है. 


फिजिक्स की भाषा में समझें


टॉर्क यानी ट्विस्टिंग फोर्स, किसी चीज को घुमाने (रोटेट) वाली शक्ति को कहते हैं. जैसे जेनरेटर को ऑन करने के लिए हैंडल को घुमाने में जो फोर्स लगता है वो टॉर्क है. यानि हर वो चीज जिसे घूमने के लिए फोर्स लगता है, उस फोर्स को टॉर्क कहते हैं और इसकी स्पीड को पॉवर कहते हैं.  


ऐसे चलती है गाड़ी


कोई भी गाड़ी उसके उसके इंजन के ट्विस्टिंग फोर्स के कारण चलती है. जो बल किसी वस्तु को घुमाने में मदद करता है उसे ट्विस्टिंग फोर्स कहते हैं. यानि किसी वस्तु को एक ही स्थान पर बहुत अधिक गति से घुमाने वाले बल को टॉर्क फोर्स कहा जाता है.  


किन गाड़ियों में मिलता है टॉर्क


जिन वाहनों में अधिक एक्सेलरलेशन की जरूरत होती है उनमें ज्यादा टॉर्क वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे वाहनों में एसयूवी जैसे भारी वाहन शामिल होते हैं. जहां टॉर्क वाहन के एक्सेलरलेशन को निर्धारित करता है, वहीं पॉवर, वाहन के पिकअप क्षमता को दर्शाता है. इसलिए वाहनों को खरीदते समय अधिकतर उसके पॉवर को ध्यान में रखा जाता है.


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