हाईवे पर अक्सर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनों से अब निजात मिलने वाली है. एक जनवरी से FASTag को सभी गाड़ियों पर लगाना अनिवार्य हो गया है. अब हाईवे पर टोल फास्टैग के जरिए ही वसूला जाएगा. इसके बाद टोल पर किसी से भी कैश नहीं लिया जाएगा. अभी हाईवे पर 80 फीसदी वाहनों से वाहन फास्टैग के जरिए ही वसूला जाता है. केंद्र सरकार का लक्ष्य टोल वसूली में इजाफा करना है. अभी टोल से हर दिन 93 करोड़ रुपये की कमाई होती है जिसे सरकार 100 करोड़ तक पहुंचाना चाहती है.


क्या होता है FASTag?
FASTag एक टैग और स्टिकर है जिसे कार में आगे की तरफ लगाया जाता है. वहीं हाईवे पर टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर गाड़ी पर लगे स्टीकर से डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेकनीक के जरिए स्कैन कर लेते हैं और जगह के हिसाब से पैसे अपने आप बैंक अकाउंट से वसूल लिए जाते हैं. ये काफी सुविधाजनक है. इसके माध्यम से गाड़ी को टोल पर रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर फास्टैग किसी प्रीपेड अकाउंट या फिर डेबिट/क्रेडिट कार्ड से लिंक नहीं है तो आपको इसे रिचार्ज कराना होगा.


यहां से हासिल करें FASTag
अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर FASTag स्टीकर नहीं लगवाया है तो आपको जल्द लगवा लेना चाहिए. आप इसे PayTM, Amazon, Snapdeal आदी से खरीद सकते हैं. साथ ही देश के 23 बैंकों के जरिए भी इसे अवेलेबल कराया जा सकता है. इनके अलावा सड़क परिवहन प्राधिकरण ऑफिस में भी इनकी बिक्री होती है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अपनी सहायक भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) के जरिए FASTag की बिक्री और संचालन किया जाता है.


ये है प्राइस
NHAI के अनुसार FASTag की कीमत 200 रुपये है. इसमें आप कम से कम 100 रुपये का रिचार्ज करा सकते हैं. जब तक फास्टैग स्कैनर पर स्कैन करेगा तब तक ये काम करेगा.


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