Toyota Camry Flex Fuel Car: भारत जल्द से जल्द फ्लेक्स-फ्यूल पर चलने वाले टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर का गवाह बनने वाला है, जोकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बदले एक शानदार ऑप्शन होगा. हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक इवेंट के दौरान जानकारी देते हुए बताया, कि देश में जल्द ही फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाली गाड़ियां पेश पेश होंगीं. जिसकी शुरुआत टोयोटा कैमरी से होगी. जिसे अगस्त में लॉन्च किया जायेगा. गडकरी ने एक बार फिर इस बात पर जोर देते हुए कहा, कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा भी अन्य ऑप्शन की जरुरत है. ताकि पेट्रोल-डीजल की गड़ियों पर से निर्भरता कम की जा सके.
मौजूदा समय में टोयोटा कैमरी की बिक्री कई सालों से एक स्ट्रांग हाइब्रिड के रूप में हो रही है, जिसमें वही पारंपरिक पेट्रोल-इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग किया जाता है. जोकि 21.1 किमी/लीटर तक माइलेज देने में सक्षम है. हालांकि इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. वहीं ब्राजील जैसे देशों में एथेनॉल बेस्ड टोयोटा कैमेरी की बिक्री पहले से ही की जा रही है. इसके अलावा फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों की कीमत इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरह आसमान छूती हुई नहीं देखने को मिलेगी, साथ ही ये भी उम्मीद भी की जा रही है कि, स्ट्रांग हाइब्रिड वैरिएंट के मुकाबले ये कार किफायती भी हो सकती है. जिसकी मौजूद कीमत 45.71 लाख रुपये एक्स-शोरूम है.
फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाली गाड़ियां कीमत के मामले में पेट्रोल/डीजल गाड़ियों के आसपास ही देखने को मिलेंगीं. इन गाड़ियों के लिए इन्हें बनाने वाली कंपनियों को पेट्रोल इंजन में कुछ हल्की-फुल्की फेरबदल करनी होगी. ताकि ये इंजन हाइली ब्लेंड फ्यूल पर काम कर सकें. जिसके लिए कार निर्माता कंपनियों को इन गाड़ियों के फ्यूल टैंक में कुछ अतिरिक्त सेंसर लगाने होंगे. ताकि ये सेंसर फ्यूल में मौजूद एथेनॉल की मात्रा का पता लगाकर इंजन को जरुरत के मुताबिक फ्यूल की सप्लाई कर सकें.
इसके साथ साथ केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, एथेनॉल पर चलने वाले टू-व्हीलर गाड़ियों पर भी काम चल रहा है. जिसे बजाज, हीरो और टीवीएस जैसे दिग्गज कंपनियां अंजाम देने में लगी हुई हैं. ताकि फ्यूल फ्लेक्स गाड़ियों को को मुख्य धारा में लाया जा सके. साथ ही इसकी डिमांड और सप्लाई के लिए प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर की भी जरुरत पड़ेगी.
मौजूद समय में भारत दुनिया का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है और बड़ी मात्रा में एथेनॉल का उत्पादन करता है. जिसके चलते हाल ही में देश के 11 राज्यों में 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंड की शुरुआत की जा चुकी है. वहीं एथेनॉल पर ज्यादा निर्भर होने के चलते अगले तीन से चार सालों में तेल आयत होने पर खर्च होने वाले लगभग 30,000 करोड़ रुपये तक की बचत की जा सकती है.
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