Flex Fuel Car: मारुति सुजुकी ने दिखाया वैगन आर का फ्लेक्स फ्यूल प्रोटोटाइप, जानिए क्या होगी खासियत
Flex Fuel Car: यह भारत में प्रदर्शित की जाने वाली पहली फ्लेक्स फ्यूल कार नहीं है, क्योंकि टोयोटा भी कुछ समय पहले अपनी फ्लेक्स फ्यूल कोरोला एल्टिस को प्रदर्शित कर चुकी है.
Maruti Flex Fuel Car: मारुति सुजुकी ने एक फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रोटोटाइप प्रदर्शित किया है, जो कि वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल है. यह पहली मास-मार्केट फ्लेक्स फ्यूल कार है. वैगन आर फ्लेक्स ईंधन को 20% (E20) और 85% (E85) ईंधन के बीच किसी भी इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण पर चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में इस कार को प्रदर्शित किया गया. इस कार को सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन, जापान के इनपुट के साथ मारुति सुजुकी के इंजीनियरों ने स्थानीय रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है.
इंजन में क्या हुए हैं बदलाव?
वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल में एक अपडेटेड इंजन का इस्तेमाल किया गया है जो इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का उपयोग करके चल सकता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है. इंजन को हाई इथेनॉल मिश्रण (E20-E85) के अनुकूल बनाने के लिए, इंजन को नए इक्विपमेंट्स की आवश्यकता होती है. जैसे कोल्ड स्टार्ट असिस्ट के लिए एक हॉट फ्यूल रेल और इथेनॉल के प्रतिशत का पता लगाने के लिए इथेनॉल सेंसर सहित एक नए फ्यूल सिस्टम की जरूरत होती है. इसके साथ ही, इंजन मैनेजमेंट सिस्टम, एडवांस फ्यूल पंप और फ्यूल इजेक्टर जैसे अन्य उपकरणों को विभिन्न मैकेनिकल इक्विपमेंट्स के साथ जोड़कर विकसित किया गया है. नए नियमों का पालन करने के लिए, मारुति सुजुकी ने एक इंजन मैनेजमेंट सिस्टम विकसित की है और यह इंजन BS6 स्टेज-II उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए तैयार है.
क्या हैं फ्लेक्स फ्यूल के फायदे?
इथेनॉल मिश्रित फ्यूल, जिसका उपयोग कार करती है, उससे उत्सर्जन कम होता है और इसे पौधे वापस अवशोषित कर लेते हैं. फ्लेक्स फ्यूल के फायदे ये हैं कि इसके लिए बड़े पैमाने पर इंजन में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होने के साथ-साथ फ्यूल पर होने वाले खर्च को कम करते हुए ईवी की तुलना में इसे अपनाना आसान है. एक अन्य महत्वपूर्ण कारण हाई इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की कम कीमत भी है, जो रेगुलर पेट्रोल की तुलना में कम से कम 35 प्रतिशत सस्ता होने की उम्मीद है.
मारूति ने क्या कहा?
मारुति सुजुकी ने यह भी बताया है कि उसकी कारें मार्च 2023 तक ई20 के अनुकूल होंगी. यह भारत में प्रदर्शित की जाने वाली पहली फ्लेक्स फ्यूल कार नहीं है, क्योंकि टोयोटा भी कुछ समय पहले अपनी फ्लेक्स फ्यूल कोरोला एल्टिस को प्रदर्शित कर चुकी है.