गुजरात में बनाई जाएगी फ्लाइंग कार PAL-V, गुजरात सरकार और डच फर्म के बीच साइन हुआ एमओयू
फ्लाइंग कार को टू-पर्सन एयरक्राफ्ट भी कहा जाता है. महज तीन मिनट में कार से फ्लाइंग कार में बदल जाती है.
भारत में भी अब जल्द ही फ्लाइंड कार आपके शहरों में उड़ती हुई नजर आ सकती है. इसके लिए गुजरात में फ्लाइंग कार PAL-V का एक प्लांट लगा रही है. इसके लिए PAL-V और गुजरात सरकार के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और PAL-V के वाइस प्रेसिंडेट मौजूद रहे.
जानिए क्या हैं फ्लाइंग कार की खूबियां
डच फर्म PAL-V फ्लाइंग कार बनाने के लिए जानी जाती है. फ्लाइंग कार में सिर्फ दो ही लोग बैठ सकते हैं. इसको टू-पर्सन एयरक्राफ्ट भी कहा जाता है. इस कार में दो अल-अलग इंजन हैं जो इसे सड़क और हवा दोनों जगह चलाने के काबिल बनाते हैं. PAL-V की सड़क पर टॉप स्पीड 160 किमी और हवा में 180 किमी है. वहीं यह कार महज तीन मिनट में कार से फ्लाइंग कार में बदल जाती है. वहीं टैंक फुल होने पर यह कार 500 किमी तक की दूरी तय कर सकती है.
भारत में होगी पहली फर्म
भारत में इस प्रकार की पहला प्लांट होगा जो फ्लाइंग कार बनाएगा. इसके लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की मौजूदगी में प्रिसिंपल सेक्रेटरी एमके दास और PAL-V के वाइस प्रेसिंडेट कार्लो मासबोमेल ने एमओयू साइन किया. गुजरात सरकार PAL-V की केंद्र सरकार से तमाम जरूरी एप्रूवल्स दिलवाने में भी मदद करेगी. PAL-V के वाइस प्रेसिंडेट कार्लो मासबोमेल ने कहा कि वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतप पोर्ट और लॉजिस्टिक सुविधाएं गुजरात को बिजनेस के लिए सुलभ बनाती है. इसीलिए हम यहां अपना प्लांट लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि PAL-V का गुजरात प्लांट से प्रोडक्शन 2021 से शुरू हो जाएगा. यहां से कारें अमेरिका और यूरोप के बाजारों में एक्पोर्ट की जाएंगी. बतौर कार्लो, PAL-V के पास अभी 110 फ्लाइंग कारों के लिए ऑर्डर आ चुके हैं. गौरतलब है कि PAL-V फ्लाइंग कारों के लिए ही जानी जाती है. PAL-V का मतलब पर्सनल एयर लैंड व्हीकल है।
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