Car Tyre Care Tips: अगर आप अपनी गाड़ी की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देंगे, तो एक साथ होने वाले बड़े नुकसान की नौबत नहीं आएगी. गाड़ी के पहियों में होने वाली अलाइनमेंट, रोटेशन और बैलेंसिंग की परेशानी कुछ ऐसी ही है. इससे कैसे बचा जाये? इसके लिए हम आगे कुछ आसान सी बातें बताने जा रहे हैं. जिन्हें अपनाकर आप अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं.


व्हील अलाइनमेंट


अगर आप चाहते हैं, कि आपकी गाड़ी के टायर लंबे समय तक चलें. तो आपको समय-समय पर व्हील अलाइनमेंट कराते रहना चाहिए. वहीं अगर आपकी गाड़ी चलते समय एक साइड की तरफ जा रही है या फिर स्टीयरिंग में वाइब्रेशन जैसा महसूस हो रहा है. तब इसे बिलकुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. ये इशारे व्हील अलाइनमेंट में गड़बड़ी की तरफ इशारे करते हैं.


व्हील बैलेंसिंग


वैसे तो इसे कार की सर्विस की ही तरह एक निश्चित समयांतराल पर कराना ठीक रहता है, लेकिन अगर आपकी कार ज्यादा और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलती है. तब इसे जल्दी भी करा सकते हैं. पहियों के डिसबैलेंस होने की वजह से ही स्टीयरिंग व्हील कंपन करने लगता है. इसीलिए इसे सही कराते समय मशीन पर रखकर घुमाया जाता है. जिससे मशीन इसमें कमी वाली जगह को पहचान लेती है और मैकेनिक उस जगह को पहचानकर उसमें वजह जोड़ देता है. जिससे स्टीयरिंग की कंपन की समस्या खत्म हो जाती है और टायर भी जल्दी खराब होने से बच जाते हैं.


क्रॉस रोटेशन जरुरी


गाड़ी के सभी पहिये सही से काम करें, इसके लिए क्रॉस रोटेशन को सही माना जाता है. इसे कुछ हजार किलोमीटर चलने के बाद करवाया जा सकता है. इसकी वजह है, कार के अगले और पिछले पहियों पर कम ज्यादा वजन का होना. गाड़ी के अगले हिस्से में इंजन होने की वजह से वजह ज्यादा होता है, जबकि पिछले हिस्से में कम होता है. इस वजह से गाड़ी के अगले पहियों को पिछले पहियों से क्रॉस पोजीशन में बदलने से टायर बेहतर बने रहते हैं.


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