Vehicle Insurance: कुछ इलेक्ट्रिक गाड़ियों को छोड़कर पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, फ्लेक्स-फ्यूल या किसी भी तरह के ईंधन से चलने वाले वाहन के लिए इंश्योरेंस जरुरी और अनिवार्य है. इंश्योरेंस ही है जो गाड़ी के साथ हुई किसी भी तरह की दुर्घटना या गाड़ी चोरी होने की स्थिति में हुए नुकसान को कम करने में मददगार साबित होता है. आजकल मार्केट में तमाम इंश्योरेंस कंपनियां मौजूद हैं. इसलिए आपको इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है, ताकि आप अपनी गाड़ी के लिए सही इंश्योरेंस का चुनाव कर पाएं. जिसमें ज्यादा से ज्यादा चीजें कवर हो सकें. समझिये कैसे.


एक से ज्यादा पालिसी की तुलना करें


इंश्योरेंस लेते समय ग्राहक नहीं, स्मार्ट ग्राहक बने और अपनी गाड़ी के लिए एक से ज्यादा कंपनी के इंश्योरेंस की तुलना करें. क्योंकि गाड़ी में सभी चीजें एक सामान कवर नहीं होती, कुछ पूरी कवर की जाती हैं तो कुछ आधी और कुछ को कवर ही नहीं किया जाता. इसलिए इंश्योरेंस में इस बात को समझना बहुत जरुरी है. किसी भी तरह की दुर्घटना के बाद क्लेम इसी आधार पर मिलता है कि इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर किया गया है.


सोच समझकर करें कार पर खर्चा


कई बार लोग अपनी कार में बाहर मार्केट से तमाम एक्सेसरी लगवा देते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है इस पर जो खर्चा हो रहा है वह इंश्योरेंस में कवर हो जायेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. इंश्योरेंस कंपनियां ऑथराइज्ड डीलरशिप से लगवाई गयी एक्सेसरीज को ही कवर करती हैं. आफ्टर मार्केट एक्सेसरीज को कवर नहीं करती. साथ ही एक्सेसरीज के लगने से कार के प्रीमियम में बढ़ोत्तरी हो जाती है जिसकी वजह से आपकी कार के इंश्योरेंस की कीमत बढ़ जाती है. इसलिए अपनी गाड़ी में बेवजह फालतू का खर्च करने से बचना चाहिए. कार में एक्सेसरीज लगवाने के चक्कर में वायरिंग को कट करना पड़ता है जिसकी वजह से कार में आग लगने जैसी घटना होने की संभावना भी बढ़ जाती है. 


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