दिग्गज अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड मोटर (Ford Motors) ने भारत में अपनी कारों का प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया है. फोर्ड के इस फैसले से भारत में एक ही झटके में चार हजार से ज्यादा लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. प्रोडक्शन बंद होने से हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा. बंद करने के पीछे वजह कंपनी ने नुकसान की बताई.  


हुआ 200 करोड़ डॉलर का नुकसान
फोर्ड कंपनी का कहना है कि उसे भारत में कारें बनाने में दो बिलियन डॉलर यानी 200 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है. इसलिए वो गुजरात के साणंद और तमिलनाडु के चेन्नई में अपने दोनों प्लांट बंद करने जा रही है. इसका मतलब ये है कि फोर्ड मोटर इन दोनों प्लांट में बनाई जा रही इकोस्पोर्ट, फिगो और एस्पायर जैसी गाड़ियों की बिक्री बंद कर देगी.


बंद होंगे ये प्लांट्स
वहीं इन प्लांट्स के बंद होने का सीधा असर इनमें काम कर रहे चार हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा.  उनकी नौकरी जानी तय मानी जा रही है. भारत में इस समय फोर्ड कंपनी में कुल 11 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. गुजरात के साणंद वाला प्लांट इस साल दिसंबर के बाद और चेन्नई वाला प्लांट अगले साल मार्च के बाद बंद हो जाएगा.


'कंपनी नहीं बना सकी बाजार में पकड़'
फोर्ड इंडिया के मुताबिक कंपनी अपनी चेन्नई स्थित फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस टीम का विस्तार करने और भारत में वाहन निर्माण को बंद करते हुए फोर्ड के कुछ प्रतिष्ठित वैश्विक वाहनों और विद्युतीकृत एसयूवी को बाजार में लाने की योजना के साथ अपने परिचालन का पुनर्गठन करेगी. कंपनी के इस फैसले से देश में 4000 से ज्यादा लोगों का रोजगार प्रभावित हो जाएगा. कंपनी लंबे समय तक भारतीय बाजार में संघर्ष करती रही, लेकिन बाजार पर अच्छी पकड़ नहीं बना सकी. 


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