एक अप्रैल से इन 4 व्हीलर का रजिस्ट्रेशन आठ गुना और टू व्हीलर का हो जाएगा तीन गुना महंगा, जानिए कितनी देनी होगी फीस
यदि कोई वाहन मालिक निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रीन्यू में देरी करता है, तो 300 रुपये महीने का जुर्माना लगेगा.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, एक अप्रैल से शुरू होने वाले 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की री रजिस्ट्रेशन की लागत वर्तमान दर से आठ गुना अधिक होगी. यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा, जहां पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को क्रमशः 15 और 10 साल के बाद अपंजीकृत माना जाता है.
1 अप्रैल से सभी 15 साल पुरानी कारों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि वर्तमान में यह केवल 600 है. दोपहिया वाहनों के लिए 300 रुपये के बजाय 1,000 रुपये का भुगतान करना होगा. जबकि इंपोर्टिड कारों के लिए 15,000 रुपये के बजाय 40,000 रुपये का भुगतान करना होगा.
यदि कोई वाहन मालिक निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रिन्यू में देरी करता है, तो 300 रुपये महीने का जुर्माना लगेगा. कमर्शियल वाहनों के लिए 500 रुपये प्रति माह का जुर्माना होगा. मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नियम में यह भी कहा गया है कि 15 साल से पुराने निजी वाहनों को हर पांच साल में रिन्यूअल के लिए आवेदन करना होगा.
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि पुराने परिवहन और वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस टेस्ट की लागत भी अप्रैल से बढ़ने वाली है. टैक्सियों से मौजूदा 1,000 रुपये के बजाय 7,000 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, और बसों और ट्रकों के लिए 1,500 रुपये के बजाय 12,500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. कमर्शियल वाहनों के आठ साल से अधिक पुराने होने के बाद उनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है.
अनुपालन शुल्क बढ़ाने का सरकार का कदम इस उम्मीद पर आधारित है कि देश में वाहन मालिक अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करना और आधुनिक, नए खरीदना पसंद करेंगे जो कम प्रदूषण वाले हों क्योंकि वायु प्रदूषण यहां एक गंभीर समस्या है. दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (2015) और सुप्रीम कोर्ट (2018) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 10 साल से ज्यादा पुराना कोई भी रजिस्टर्ड डीजल वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराना पेट्रोल वाहन यहां नहीं चलाया जा सकता है.
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