Global Car Sales Report: ग्लोबल कार बिक्री के मामले में भारत ने जापान को फिर से पछाड़ा, 2023 में बिकीं 41 लाख से ज्यादा कारें
लाइट व्हीकल के उत्पादन के दृष्टि से भारत अभी भी जापान से काफी पीछे है. एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के अनुसार, 2023 में, भारत ने 5.45 मिलियन यूनिट के उत्पादन के साथ 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है.
Global Car Sales Report 2023: भारत ने 2023 में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लाइट व्हीकल मार्केट के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है. ऑटो कार इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नंबर 3 की स्थिति के करीब जापान ने 2023 में जबरदस्त वापसी की है, जहां उसने भारत के 8 प्रतिशत के मुकाबले 14 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की. जापान ने 2023 में 4 मिलियन से कम कारें बेचीं, जबकि भारत ने 4.11 मिलियन कारें बेचीं. भारत और जापान के बीच अंतर 2022 में 3,44,000 के मुकाबले घटकर 2023 में 1,15,000 यूनिट हो गया है.
लगातार तीसरे साल बढ़ी बिक्री
यह भारत के लिए बढ़त का लगातार तीसरा साल था, जो 2023 में एक नए शिखर पर पहुंच गया. विकसित बाजारों की तरह, एसयूवी की देश में कुल पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 48 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी रही. गिरावट के साथ साल के अंत के बावजूद, भारत पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में अपनी बढ़त बनाए रखने की संभावना के साथ ग्लोबल मार्केट में भी अपनी हिस्सेदारी केवल बढ़ाना चाहता है.
मारुति सुजुकी ने कहा
देश की बढ़ती युवा आबादी, आर्थिक विकास और बढ़ते मोटराइजेशन लेवल के साथ भारत ने पिछले तीन दशकों में अपने पैसेंजर व्हीकल उद्योग में लगातार बढ़त देखी है. जिस कारण भारत पीवी वॉल्यूम में नंबर 3 पर पहुंच गया है. भात से आगे अब केवल चीन और अमेरिका ही हैं. मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, बिक्री और विपणन, शशांक श्रीवास्तव ने कहा “उम्मीद है, यह ट्रेंड भविष्य में भी जारी रहना चाहिए.”
2025 से भारतीय निर्यात तेजी से बढ़ने की उम्मीद
हल्के वाहनों के उत्पादन के दृष्टि से भारत अभी भी जापान से काफी पीछे है. एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के अनुसार, 2023 में, भारत ने 5.45 मिलियन यूनिट के उत्पादन के साथ 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है. एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल कहते हैं, ''हमें उम्मीद है कि जापान 2023 में 8.59 मिलियन यूनिट्स पोस्ट करेगा, जबकि भारत 5.45 मिलियन यूनिट्स के साथ खड़ा है.'' उनका कहना है कि 2030 तक भारत, दुनिया में तीसरे सबसे बड़े हल्के वाहन निर्माता के रूप में जापान से आगे निकल जाएगा. हल्के वाहनों के निर्यात के मामले में, वांगल को उम्मीद है कि इस दशक के अंत तक यह संख्या दस लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर जाएगी. उन्होंने कहा, "2025 से भारतीय निर्यात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि लगभग हर कार निर्माता कंपनी भारत को एक्सपोर्ट सेंटर के रूप में उपयोग करने की योजना पर काम कर रही है."
बढ़ेगी ग्लोबल इंडस्ट्री में हिस्सेदारी
वंगाल की भविष्यवाणी को देखते हुए पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में मार्केट लीडर मारुति सुजुकी ने खुद 2030 तक निर्यात को तीन गुना बढ़ाकर 7,50,000 यूनिट करने का एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा, हुंडई, किआ, रेनॉ-निसान और फॉक्सवैगन-स्कोडा जैसी कंपनियों ने निर्यात को बढ़ाया है. भारत आने वाले वर्षों में निर्यात में ग्लोबल लीडर बनने के लिए तैयार है. इसके अलावा, टेस्ला और विनफास्ट जैसे नए जमाने के खिलाड़ियों की भी भारत में एंट्री होने वाली है. भारत के लिए एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के आउटपुट अनुमान के अनुसार, ग्लोबल इंडस्ट्री की मात्रा में देश की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 8 प्रतिशत हो जाएगी. जो कि कोविड-19 महामारी से ठीक पहले भारत की लगभग 4 प्रतिशत हिस्सेदारी से लगभग दोगुना है.