Electric Two Wheelers: भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान की गोगोरो भी कूद पड़ी, जो पहले से बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क पर भी काम कर रही है और 2024 के मध्य तक लगभग 100 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन भी स्थापित कर लेगी. 


जानकारी के मुताबिक, गोगोरो ने पहले ही पश्चिमी महाराष्ट्र में एक फैक्ट्री के साथ साथ 1.5 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट की इच्छा जताई है. जहां वह फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी में अपना क्रॉसओवर ई-स्कूटर बनाएगी. 


कंपनी ने ई-स्कूटर प्रोडक्शन शुरू कर दिया है, जिसे पहले डिलीवरी फ्लीट और बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को बेचा जाएगा. जबकि व्यक्तिगत यूज के लिए एक वेरिएंट अगले साल लॉन्च किया जाएगा. इसके अलावा कंपनी इन्हें भारत से एक्सपोर्ट भी करेगी. कंपनी के मुताबिक, भारत आने के लिए यह सही समय है. 


भारत का ई-स्कूटर बाजार छोटा है, जो घरेलू बाजार में कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री का लगभग 4% फीसद है. लेकिन ओला इलेक्ट्रिक, एथर और टीवीएस मोटर जैसी कंपनियों द्वारा लॉन्च किये गए नए स्कूटर्स के चलते ये काफी तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहा है.


वहीं सरकार चाहती है कि, 2030 तक सभी नए टू व्हीलर की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 70% तक पहुंचे. जिसके लिए ग्राहकों को इंसेंटिव भी दिया जा रहा है. इसके अलावा दिल्ली जैसी कई स्टेट गवर्नमेंट प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए, फ्लीट संचालकों को केवल ईवी पर स्विच करने के लिए दबाव बना रही हैं.


गोगोरो अपने बैटरी स्वैप मॉडल के जरिये, ईवी यूजर को स्कूटर की डिस्चार्ज बैटरी को फुली चार्ज बैटरी से बदलने की इजाजत देती है, जिसके चलते यह डिलीवरी आदि के लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. क्योंकि सवारियों के काम में नुकसान से बचने के लिए बैटरी सविंग एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. 


कंपनी अपने इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के लिए अगले पांच सालें में फ्लीट और व्यक्तिगत, दोनों की बिक्री अपने ईवी की 50 प्रतिशत की उम्मीद कर रही है. इसके अलावा देश में बनने वाले लगभग 20% ईवी को कंपनी पड़ोसी देशों नेपाल, दक्षिण पूर्व एशिया और अन्य क्षेत्रों में एक्सपोर्ट भी करेगी. 


यह भी पढ़ें- Most Usefull Features in Cars: कभी महंगी कारों की 'जागीर' थे ये फीचर्स, अब बजट गाड़ियों में फिर रहे 'मारे-मारे'


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI