इंजन ऑयल की नई रेंज भारत में हुई लॉन्च, इन कंपनियों को मिलेगी चुनौती
टायर्स निर्माता कंपनी Goodyear ने एश्योरेंस इंटरनेशनल के साथ मिलकर भारत में इंजन ऑयल की नई रेंज को पेश किया है. इंजन इंजन ऑयल की यह रेंज सभी प्रकार के वाहनों कमर्शियल, पैसेंजर और दोपहिया वाहनों के लिए उपलब्ध होंगे.
लुब्रिकेंट की खपत के मामले में पहले नंबर पर अमेरिका दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे पर भारत है. टायर्स निर्माता कंपनी Goodyear ने एश्योरेंस इंटरनेशनल के साथ मिलकर भारत में इंजन ऑयल की नई रेंज को पेश किया है. इंजन इंजन ऑयल की यह रेंज सभी प्रकार के वाहनों कमर्शियल, पैसेंजर और दोपहिया वाहनों के लिए उपलब्ध होंगे.दोनों कंपनियां मिलकर भारत में सभी प्रकार के ल्यूब्रीकेंट्स उपलब्ध कराएंगी, जिसमें ग्रीस, ब्रेक फ्लुइड, ट्रांसमिशन ऑयल, ट्रैक्टर ऑयल, डीजल एग्जॉस्ट फ्लुइड, गियर ऑयल और हाइड्रोलिक ऑयल शामिल होंगे.
कंपनी के मुताबिक सभी प्रोडक्ट्स हाई क्वालिटी और टेस्ट के बाद ही बाजार में उतारे हैं. कंपनी के मुताबिक इंजन ऑयल की नई रेंज भारत में कुछ हिस्सों में अगले महीने (नवंबर 2020) की शुरुआत में उपलब्ध करा दिए जायेंगे.
कैस्ट्रोल से लेकर गल्फ को मिलेगी चुनौती इस समय भारत में कैस्ट्रोल (Castrol) इंजन ऑयल काफी पॉपुलर और बड़ा नाम है. कंपनी के पास हर प्रकार के इंजन ऑयल मौजूद हैं.इसके अलावा सर्वो भी इंजन ऑयल मार्केट में काफी जाना-पहचाना नाम है, कंपनी किफायती कीमत में ल्यूब्रीकेंट्स उपलब्ध कराती है.इसके अलावा गल्फ भी इंजन ऑयल मार्केट में काफी लोकप्रिय है,कंपनी का दावा है कि उसका इंजन ऑयल 10 हजार किलोमीटर तक चलता है. अब देखना होगा गुड ईयर इंजन ऑयल मार्केट में कितनी सफलता मिलती है.
इंजन ऑयल कब बदलना चाहिए वैसे तो इंजन ऑयल को हर 5000 से 6000 किलोमीटर के बाद बदल देना चाहिए, जबकि हर 3000 किलोमीटर पर इसका टॉपअप भी किया जाना चाहिए. लेकिन आगर आप रोजाना हैवी ट्रैफिक में गाड़ी चलाते हैं तो आपको हर 2000 किलोमीटर में एक बार इंजन ऑयल को चेक कर लेना चाहिए.
कितने तरह के होते हैं इंजन ऑयल इस समय भारत में तीन तरह के इंजन ऑयल मौजूद हैं जिनमें मिनरल, सेमी सिंथेटिक और फुली सिंथेटिक मौजूद हैं. इंजन ऑयल अगर सही मात्रा और कंडीशन में हो तो इंजन की लाइफ बेहतर बनती है. इतना ही नहीं यह उच्च ताप पर इंजन के कंपोनेंट्स को लुब्रिकेशन के जरिये स्मूथ बनाए रखने में मदद करता है.रखता है, इससे इंजन को ठंडा रखने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं इंजन के कंपोनेंट में घर्षण कम होता है और इंजन में जमा कार्बन और गंदगी भी साफ़ होती है.
ये भी पढ़ें
Tips: अपनी कार को जल्दी-जल्दी मेंटेनेंस के लिए भेजते हैं तो इन टिप्स पर करें गौर, कार रहेगी फिट कोहरे में कार चलाने में नहीं आयेगी कोई परेशानी, फॉग में ड्राइव करने के लिये जरूरी सेफ्टी टिप्स