(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Traffic Challan scam: सरकार ने किया सावधान, ई-चालान के नाम पर जेब हो सकती है खाली, बचने का तरीका है ये
अगर आप किसी तरह इस स्कैम में फस जाते हैं, तब 1930 पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से तुरंत संपर्क कर और अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत भी दर्ज करा दें.
Traffic Challan scam in India: सरकारी अधिकारी और लॉ इंफोर्स्मेंट करवाने वाली प्रवर्तन एजेंसियां, लोगों को फर्जी ई-चालान स्कीम के बारे में चेतावनी जारी कर रही हैं. जो खासतौर पर ट्रैफिक चालान अलर्ट की नकल कर एसएमएस के जरिये गाड़ी मालिकों को निशाना बना रहे हैं.
कैसे होता है ई-चालान स्कैम?
इस स्कैम को अंजाम देने वाले अपराधी हूबहू ई-चालान से मिलता जुलता एसएमएस अलर्ट भेजते हैं, जिसमें पेमेंट करने के लिए लिंक भी मौजूद होता है. मैसेज मिलने के बाद एक बार अगर कोई व्यक्ति लिंक पाए क्लिक कर देता है, तो मोबाइल हैकर्स के कब्जे में आ जाता है. जिससे हैकर्स को क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी तक पहुंच मिल जाती है.
फर्जी ई-चालान घोटाले के झाँसे में न आएँ!''🚦🚗🛵
— Information Security Awareness (ISEA) by MeitY (@InfoSecAwa) August 28, 2023
आपकी सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी 🪖#TrafficFines #FakeEChallan #India #staysafeonline #cybersecurity #g20india #g20org #g20summit #besafe #staysafe #ssoindia #meity #mygovindia #NeerajChopra pic.twitter.com/qKts1bAbtS
घोटाले का शिकार बनने से रोकना
लॉ इंफोर्स्मेंट एजेंसी की तरफ से दी गयी सलाह के मुताबिक, घोटालेबाजों ने ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा यूज की जाने वाली फ़ॉर्मेटिंग की बड़ी ही सावधानीपूर्वक नकल की है. जबकि इस पर ध्यान दिया जाये तो इससे बचा जा सकता है. क्योंकि ऑथराइज्ड ई-चालान लिंक "https://echallan.parivahan.gov.in/" है. जबकि स्कैमर्स ऐसे लिंक का यूज करते हैं, जो दिखने में लगभग एक जैसे होते हैं. लेकिन इनमें हल्का सा अंतर होता है. जो जल्दबाजी के चक्कर में नजरअंदाज हो जाता है. उदहारण के लिए https://echallan.parivahan.in/ यहां लोगों को इस बात की जानकारी होना जरूरी है, कि ऑथराइज ई-चालान पेमेंट लिंक के आखिर में हमेशा "gov.in" होता है.
इन तरीकों से भी पहचान सकते हैं स्कैम
सावधानी बरतने के साथ-साथ जल्दबाजी में आकर पेमेंट न करना, इससे बचने के एक और तरीका है. वरिष्ठ साइबर अपराध पुलिस अधिकारी भी इसी बात पर जोर देते हैं. गाड़ी मालिकों को किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले ऐसे मैसेज को ध्यान से पढ़ना चाहिए. ऑथराइज मैसेज में गाड़ी का इंजन नंबर और चेसिस नंबर जैसी वैलिड डिटेल शामिल होती है. जबकि स्कैमर्स द्वारा भेजे गए एसएमएस में ऐसी जानकारी गायब रहती है. इसके अलावा ऐसे किसी मैसेज के मिलने के बाद सावधानी के तौर पर, इसे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी वेरिफाइड कर लेना चाहिए. जिससे आपको पता चल सके कि वास्तव में आपकी गाड़ी के लिए कोई चालान जारी हुआ है या नहीं. इसके अलावा, व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से आधिकारिक ई-चालान कभी नहीं भेजे जाते, इसका ध्यान रखना भी जरुरी है.
स्कैम के बाद लें ये एक्शन
अगरआप किसी तरह इस स्कैम में फस जाते हैं, तब सही जगह इसकी शिकायत करना जरुरी हो जाता है. जिसके लिए 1930 पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से तुरंत संपर्क कर और www.cybercrime.gov.in के जरिये समय पर शिकायत दर्ज करवाकर, अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन को रोककर और आपकी मेहनत की कमाई को सेफ रखने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा अपनी बैंक को भी इस बात की जानकारी दे दें, साथ ही अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत भी दर्ज करा दें.