नई दिल्ली: भारत में आने वाला वक्त अब इलेक्ट्रिक कारों का माना जा रहा है. दुनिया में कई ऐसे देश मौजूद हैं, जहां इलेक्ट्रिक कार कोई नई बात नहीं है, लेकिन भारत में अभी भी इलेक्ट्रिक कारों को लेकर ज्यादा क्रेज देखने को नहीं मिला है. हालांकि टेस्ला के भारत में एंट्री लेने के बाद से अब भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों को लेकर चर्चा पहले से ज्यादा होने लगी है. ऐसे में इस बात पर भी गौर किया जाना बेहद जरूरी है कि इलेक्ट्रिक कारें भारत के ग्राहकों को टैक्स और अन्य मामलों में कैसे फायदा पहुंचा सकती है.


देश में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार की ओर से देश में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है. देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने की खातिर लिए गए लोन पर दिए जा रहे ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर कटौती मिलेगी. इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारों को लेकर जीएसटी में भी कटौती की गई है.


GST में कटौती


इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों पर GST की दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है. विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 'सर्विस' के रूप में बिजली की बिक्री की अनुमति दी है. वहीं यह चार्जिंग बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगा.


प्रदूषण में कमी


डब्ल्यूएचओ के हालिया अध्ययन के मुताबिक दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत के हैं. इलेक्ट्रिक वाहन शहरों में प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे. इलेक्ट्रिक वाहन ग्रीन पावर पर चलता है तो यह हर बार 15 गुना कम CO2 उत्पादन करता है. ऐसे में प्रदूषण में कमी लाने के लिए भी इलेक्ट्रिक वाहन काफी योगदान दे सकते हैं.


रोजगार


एक रिपोर्ट का अनुमान है कि 2050 तक लगभग 2 मिलियन (20 लाख) अतिरिक्त नौकरियां इलेक्ट्रिक कारों के क्षेत्र में आएगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल पर स्विच करने पर भारत के लिए पैसे की बचत होगी.


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