Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अपने लक्ष्य को पाने के लिए, इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इन्सेन्टिव्स देने की दिशा में काम कर रही है.
प्रधानमंत्री के मुताबिक, सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री के लिए इन्सेंटिव प्रदान करने पर काम कर रही है. इस इंडस्ट्री ने नए-नए उत्पाद देकर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है. वहीं ग्राहक इस नए विकल्प को खुलकर अपना रहे हैं.
यह जानकारी ऐसे समय आयी है, जब सरकार भारत सरकार कथित तौर पर एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी पर काम कर रही है, जिसके चलते कुछ लोकल उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए इंपोर्ट टैक्स में कटौती देखने को मिल सकती है.
नई पालिसी में इस बात पर विचार किया जा सकता है कि, मैन्युफैक्चरर कंपनियां पूरी तरह से बनी हुई ईवी को 15 प्रतिशत टैक्स पर, इंपोर्ट करने की इजाजत दी जा सकती है. जो फिलहाल 100 प्रतिशत है. ऐसी गाड़ियां 40,000 डॉलर से ज्यादा की कीमत वाली होंगी. जबकि बाकी के लिए इसे 70 प्रतिशत रखा जा सकता है.
जून 2023 में, भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने FAME II स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर दी जाने वाली को 15,000 रुपये प्रति kWh से घटाकर 10,000 रुपये प्रति kWh कर दिया था. इसके साथ-साथ एक्स-फैक्ट्री कीमत पर दी जाने वाली 40 प्रतिशत की सब्सिडी को भी कम कर 15 प्रतिशत कम कर दिया था.
बावजूद इसके, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली है. सरकार के ही वाहन पोर्टल के मुताबिक, घरेलू बाजार में टू, थ्री और फोर व्हीलर (कार और एसयूवी) के साथ-साथ सभी तरह के सामान ढोने वाले और कमर्शियल व्हीकल को मिलकर जुलाई में कुल बिक्री 1,15,836 यूनिट्स की हुई है.
वहीं, इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की बात करें तो, जून में बिकीं 45,000 यूनिट्स गाड़ियों के मुकाबले अगस्त 2023 में 59,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की बिक्री देखने को मिली है, जो पिछले महीने जुलाई में बिके 54,498 यूनिट्स से भी ज्यादा हैं.
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