Ola-Uber के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन्स, जानिए अपना क्या फायदा होगा
नियम के मुताबिक, एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50% कम चार्ज करने की अनुमति होगी.अब इस नियम को ग्राहकों की सुरक्षा और ड्राइवर के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को कैब एग्रीगेटर्स (जैसे ओला और उबर) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिससे वाहन मालिक पंजीकरण प्रमाण-पत्र (आरसी) में किसी एक व्यक्ति का चयन कर सकेगा.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा," वाहनों के पंजीकरण के समय ही नामाकंन सुविधा को शामिल करने का प्रस्ताव है. अगर वाहन मालिक की मौत हो जाती है तो ऐसी ऐसी स्थिति में वाहन को नामित के नाम पर पंजीकृत/स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी." इसके साथ ही मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नियम जारी किया है. इस नियम के अनुसान, अब विंटेज वाहनों के नए रजिस्ट्रेशन के लिए 20 हजार रुपये चुकाने होंगे. साथ ही, दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 5 हज़ार रूपये देना होगा. गाइडलाइंस के अनुसार, अब एग्रीगेटर्स को राज्य सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी होगा.
बेस फेयर से 50% कम चार्ज करने की अनुमति
नियम के मुताबिक, एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50% कम चार्ज करने की अनुमति होगी. वहीं, कैंसिलेशन फीस कुल किराए का दस प्रतिशत होगा, जो राइडर और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपए से अधिक नहीं होगा. ड्राइवर को अब ड्राइव करने पर 80 प्रतिशत किराया मिलेगा, जबकि कंपनी को 20 प्रतिशत किराया ही मिल सकेगा. केंद्र सरकार ने एग्रीगेटर को रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइन्स जारी किया है जिसका राज्य सरकारों को भी पालन करना अनिवार्य होगा.
ग्राहकों की सुरक्षा का रखा गया है ख्याल
मंत्रालय ने बयान में कहा है कि इससे पहले एग्रीगेटर का रेगुलेशन उपलब्ध नहीं था. अब इस नियम को ग्राहकों की सुरक्षा और ड्राइवर के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसे सभी राज्यों में लागू किया जाएगा. बता दें कि मोटर व्हीकल 1988 को मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 से संशोधित किया गया है.
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