सरकार ने वाहनों की ‘फिटेनस’ की जांच के लिए एक ऑटोमेटिक जांच केंद्र स्थापित करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव किया. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसने ऑटोमेटिक जांच केंद्रों की मान्यता, नियमन एवं नियंत्रण के लिए नियमों में कुछ खास संशोधन करने को लेकर 25 मार्च 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी. इसे इससे पहले 23 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया था.


बयान में कहा गया, 'ये मसौदा नियम इन पहलुओं में संशोधन करने का प्रस्ताव करते हैं--इन केंद्रों की स्थापना के लिए अर्हता, जांच के नतीजों को उपकरण से सर्वर में ऑटोमेटिक रूप से प्रेषित करने, एक राज्य में रजिस्टर्ड वाहनों को दूसरे राज्य में जांच योग्य बनाना है.' ऑटोमेटिक जांच केंद्र (एटीएस) किसी वाहन की फिटनेस का पता लगाने के लिए विभिन्न जरूरी जांच को ऑटोमेटिक तरीके से करने में मशीनी उपकरण का उपयोग करते हैं.


बयान के मुताबिक कुछ नये उपकरण इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए जोड़े गये हैं. इसमें कहा गया है कि अधिसूचना सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया और सुझाव के लिए 30 दिनों तक लोगों के बीच उपलब्ध रहेगी. सरकार की योजना एटीएस के जरिये वाहनों की फिटनेस जांच को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य करने की है, जिसकी शुरूआत अगले साल अप्रैल से होगी.


मसौदा अधिसूचना के मुताबिक, भारी माल वाहक वाहन और भारी यात्री मोटर वाहन के लिए एटीएस के जरिये फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य हो जाएगा. मध्यम माल वाहक वाहन एवं मध्यम यात्री वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) के लिए फिटनेस जांच एक जून 2024 से अनिवार्य किया जाएगा. वहीं, वाहन कबाड़ नीति एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होगी.


निजी वाहन (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस टेस्टिंग रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के समय (15 वर्ष के बाद) किया जाता है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की थी.


यह भी पढ़ें-
कभी भी रेड लाइट पार की है तो तुरंत ऐसे देखें कि चालान कटा या नहीं
पहाड़ों के ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलाने के लिए कैसी कारें होती हैं बेस्ट? यहां जानिए


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI