सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमआरटीएच) ने घोषणा की कि उसने परिवहन वाहनों के लिए सुरक्षा उपायों के साथ विभिन्न नए अंतरराष्ट्रीय उत्सर्जन मानकों को लागू करने के लिए एक परिवर्तनकारी कार्यक्रम शुरू किया है. मंत्रालय ने उल्लेख किया कि बसों के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण प्रणाली (ईएससी) के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की गई है, जो अप्रैल 2023 तक लागू होने की उम्मीद है. इसका उद्देश्य सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा देना है.


इसके अलावा, मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के लिए कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है. इसमें टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) शामिल है, जो अगले महीने तक लागू होने की संभावना है.


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जहां तक इन नियमों का सवाल है, केंद्र सरकार का इरादा विकसित देशों के साथ भारतीय मोटर वाहन उद्योग को बराबर करना है. माना जाता है कि ये कदम ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक रोड मैप के लिए सरकार के रास्ते के अनुरूप हैं, जो देश की जीडीपी के लिए महत्वपूर्ण होगा.


भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र इन परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने में कामयाब रहा है. पिछले कुछ सालों भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने कड़े BS6 उत्सर्जन मानदंडों को अपनाया है. इस कदम ने भारत को अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे अन्य देशों के समझ ला खड़ा किया है.


मंत्रालय ने पहले से ही ऑटोमोबाइल में उत्सर्जन और सुरक्षा सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए कई नियमों की जानकारी दी है जिसमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, एयरबैग, स्पीड अलर्ट सिस्टम, रिवर्स पार्किंग असिस्ट, क्रैश मानकों आदि के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन शामिल हैं. इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण प्रणाली और ब्रेक असिस्ट सिस्टम जैसे मानक अगले दो वर्षों में प्रभावी होंगे.


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इसके अलावा साथ ही वाहनों के डायमेंशन और वाहनों के कलपुर्जों के निर्माण से संबंधित मानकों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है.  इसी तरह दुपहिया वाहनों में साइड स्टैंड और फुट रेस्ट को लेकर भी नोटिफिकेशन जारी किया गया है. सरकार इन तमाम नोटिफिकेशनों को जल्द लागू करने जा रही है.


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