Green Tax: ग्रीन टैक्स क्या है? किन वाहनों पर लगेगा यह टैक्स, देखें इससे जुड़ी सभी डिटेल्स
ग्रीन टैक्स की बात करें तो यह 8 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों पर पहले से ही लागू था, लेकिन अब साथ ही इसे निजी वाहनों के लिए भी लागू कर दिया गया है, जिनकी उम्र 15 साल से अधिक है.
Green Tax on Vehicles: हाल ही में वाहनों पर लगने वाले एक कर के लिए भारत सरकार ने एक ग्रीन टैक्स का प्रस्ताव जारी किया है, जिसमें 15 वर्ष से अधिक पुराने प्राइवेट वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल पर लगाया जाएगा. इसके अलावा, इस प्रस्ताव के अनुसार, यह टैक्स कमर्शियल वाहनों के लिए कम होगा, लेकिन अधिक प्रदूषण वाले शहर में उपयोग किए जाने वाले किसी भी वाहन के लिए अधिक होगा. इस टैक्स को प्रदूषण कर या पर्यावरण कर भी कहा जा सकता है क्योंकि यह उन सभी वस्तुओं पर लगाया जाता है जिनसे प्रदूषण फैलता है. इस कर के कारण लोग पुरानी गाड़ियों का उपयोग कम करेंगे, साथ ही इससे मिली राशि का इस्तेमाल सरकार अधिक पेड़ लगाने और प्रदूषण कम करने की दिशा में होने वाले कार्यों पर खर्च करके करेगी.
ग्रीन टैक्स क्या है?
ग्रीन टैक्स, जिसे प्रदूषण कर और पर्यावरण कर भी कहा जाता है, वास्तव में एक उत्पाद शुल्क है, जिन्हें सरकार उन वस्तुओं पर कर लगाकर एकत्रित करती है, जिससे प्रदूषण फैलता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक प्रदूषण फैलाने वाले साधनों के उपयोग के लिए हतोत्साहित करना है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है. साथ ही इससे प्राप्त धन को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने वाले कार्यों के लिए किया जाता है.
वाहनों पर ग्रीन टैक्स?
भारत में ग्रीन टैक्स के कांसेप्ट को अब शुरू किया गया है. इसके लिए दिल्ली के सभी एंट्री पॉइंट्स पर सीसीटीवी कैमरे और आरएफआईडी टैग लगाए गए हैं जिससे राजधानी में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों के उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने की निगरानी की जा सके. साथ ही, नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों को ईसीसी यानि पर्यावरण मुआवजा शुल्क के तौर पर जुर्माना देना होगा. यह टैक्स वाहन के आकार और प्रकार के अनुसार होगा. ये जुर्माना ट्रक के लिए साइज के आधार पर पहले 700 रुपये से 1300 रुपये था, लेकिन अब इसे दोगुना कर दिया है.
कितना लगता है टैक्स?
ग्रीन टैक्स की बात करें तो यह 8 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों पर पहले से ही लागू था, लेकिन अब साथ ही इसे निजी वाहनों के लिए भी लागू कर दिया गया है, जिनकी उम्र 15 साल से अधिक है. यह टैक्स हर 5 साल में देना होता है. यह टैक्स दोपहिया वाहनो के लिए ₹2000, डीजल चारपहिया वाहनों के लिए ₹3500, पेट्रोल चारपहिया वाहनों के लिए ₹3000 है. वहीं, 8 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों पर लगने वाला ग्रीन टैक्स ऑटोरिक्शा के लिए ₹750, हल्के अच्छे वाहनों के लिए ₹2500, छह सीटों वाली टैक्सी के लिए ₹1250, 7500 किग्रा से अधिक क्षमता वाले वाहनों पर सालाना टैक्स का 10%, सर्विस वाहनों के लिए वार्षिक कर का 2.5%, अनुबंधित बसों के लिए वार्षिक कर का 2.5% और टूरिस्ट बसों के लिए वार्षिक कर का 2.5% निर्धारित है.