Safe Driving: एक रिपोर्ट के अनुसार एबीएस तकनीक से लैस वाहन 35% कम दुर्घटना के शिकार होते हैं. यही कारण है कि सरकार ने भी सभी वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है. एबीएस फीचर अचानक ब्रेक लगाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके साथ ही यह बारिश और फिसलन भरी सड़कों पर ड्राइवर को कार पर बेहतर कंट्रोल प्रदान करता है. ऐसे में आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि यह एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम क्या है? तो आइए जानते हैं कि एबीएस सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है. 


एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम क्या है?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम व्हील सेंसर का उपयोग करता है और पहियों को फिसलने की बजाए एक ही स्थान पर रोक देता है. इससे एक्सीडेंट का खतरा कम हो जाता है. जब वाहन के पहिए लॉक हो जाते हैं, तो वाहन के सड़क की सतह पर खतरनाक तरीके से फिसलने की संभावना होती है. वहीं, एबीएस के साथ गीली सतह पर वाहन लॉक नहीं होता और वाहन जल्द ही रुक जाता है.


पैनिक ब्रेक्रिंग से बचाता है एबीएस
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम जिसे सामान्य भाषा में एबीएस कहा जाता है यह पहियों को आम ब्रेकिंग की तुलना में तेजी से रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. यह पहाड़ी इलाकों के लिए बेहद कारगर है जहां मौसम अक्सर खराब हो जाता है. इसके अलावा हाइवे और शहरी ट्रैफिक में भी तेज रफ्तार के बीच पैनिक ब्रेकिंग के खतरों को बचाता है. 


एबीएस के फायदे
एबीएस फिसलन की स्थिति में भी पहिये के लॉक-अप और स्किडिंग होने से रोकता है. एबीएस आम ब्रेक से अलग है. यदि आप सामान्य स्थिति में हल्के ब्रेक लगाकर धीमी रफ्तार पर कार को रोकते हैं तो एबीएस सिस्टम सक्रिय नहीं होगा. लेकिन जब भी आपको पैनिक ब्रेकिंग की जरूरत पड़ेगी तो एबीएस एक्टिव हो जाएगा.


 


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