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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए 'बैटरी स्वैपिंग' ऑप्शन कितना बेहतर है? इस रिपोर्ट में जानिए

जरा सोचिये कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को डिस्चार्ज होने के बाद उसे 2 मिनट में फुल चार्ज बैटरी के साथ रिप्लेस कर दिया जाय तो कैसा रहेगा?

जरा सोचिये कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को डिस्चार्ज होने के बाद उसे 2 मिनट में फुल चार्ज बैटरी के साथ रिप्लेस कर दिया जाय तो कैसा रहेगा? बैंग्लुरु में इलेक्ट्रिक कार और रिक्शा की बैटरी को फिर से फिल (रिचार्ज) करने पर काम चल रहा है. इस पर ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, मेट्रोराइड के लिए 38 वर्षीय ई-शटल ड्राइवर सग्यारानी ने कहा कि स्वैपिंग करना सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद उस बैटरी को घंटों तक चार्ज करने के लिए नहीं रुक सकते. इसका एक अच्छा विकल्प है कि बैटरी को बदला जाय, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल अगले पांच मिनट में सड़क पर वापस आ जाए.

सग्यारानी के मुताबिक, बैटरी स्वैपिंग से इस बात की चिंता नहीं होगी कि कितना चार्ज बचा है. बैटरी स्वैपिंग के बाद आपको तीन घंटे तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अगर आप बैटरी को चार्ज करने जाते हैं, तो आप अपनी शिफ्ट में आधे से ज्यादा समय तक सड़क से दूर रहेंगे. इससे आपका टाइम बेकार होगा और नुकसान तो उठाना ही पड़ेगा. हालांकि 13 किलोग्राम (29 पाउंड) की बैटरी उठाने में थोड़ी दिक्कत है. लेकिन चार्जिंग स्टेशन पर रिक्शा रिचार्ज करने के लिए खड़ा नहीं होना पड़ेगा. 

कम लागत आएगी
एक पूरी तरह से डिस्चार्ज की गई बैटरी को स्वैप करने के लिए सिर्फ 50 रुपये खर्च होते हैं, जो कि 1 लीटर गैसोलीन की कीमत का लगभग आधा है. ऑटो रिक्शे में हर पांच घंटे की पाली में दो बार तीन लिथियम-आयन बैटरी, जो 80 किलोमीटर (50 मील) की संयुक्त रेंज देती हैं, उसको रिचार्ज करना पड़ता है. बता दें कि बाउंस इन्फिनिटी ने उपयोग के लिए एक ई-स्कूटर लॉन्च किया है और अपने बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 100 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है. फिलहाल, ऐसे ज्यादा विकल्प नहीं है.

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