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अपनी फेवरेट कार को स्क्रैच फ्री कैसे रखें, जानिये कार पर पेंट प्रोटेक्शन फिल्म के फायदे
अगर आप भी अपनी कार से बेहद प्यार करते हैं और चाहते हैं कि उसके रंग की चमक बनी रहे. कार पर कोई स्क्रैच ना पड़े तो कार पर पेंट प्रोटेक्शन फिल लगवायें. ये ऑप्शन थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन एक बार लगवाने के बाद सालों साल कार का कलर शाइन करेगा.
कुछ लोगों को अपनी कार से बेहद लगाव होता है और वो उसकी देखभाल एक मशीन की तरह नहीं बल्कि घर के मेंबर की तरह करते हैं. लेकिन कई बार गलती से या कुछ लोग जानबूझकर कार में स्क्रैच मार देते हैं. कई बार सड़क पर ड्राइव करते वक्त बाइक या कार किसी और चीज से टकराने पर भी कार में स्क्रैच आ जाते हैं. हालांकि बाद में मैकेनिक उन स्क्रैच को डेंटिंग पेंटिंग करके सही कर देते हैं लेकिन कार के कलर में वो लुक नहीं आता और कुछ स्क्रैच दिख ही जाते हैं. ऐसे में अपनी कार का कलर सेफ रखने के लिये पीपीएफ यानी पेंट प्रोटेक्शन फिल्म लगवा सकते हैं. ये उपाय थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन उसके बाद आपकी कार के कलर में शाइन आ जायेगी और स्क्रैच लगने का टेंशन भी खत्म हो जायेगा.
क्या है पीपीएफ- पेंट प्रोटेक्शन फिल्म यानी पीपीएफ से कार का कलर फीका पड़ जाने की टेंशन नहीं रहती और इससे कार का कलर कई साल तक सेफ रहता है. पीपीएफ लगने के बाद कार पर स्क्रैच भी नही बनते. आम भाषा में कहें तो ये एक मोबाइल फोन के स्क्रैचगार्ड की तरह है. पीपीए प्लास्टिक की काफी मजबूत परत होती है जिससे कार का ऑरिजिनल कलर सेफ रहता है और कई सालों तक कार के कलर की चमक भी बनी रहती है. पीपीएफ के बाद कार किसी भी तरह के स्क्रैच को झेल सकती है और कार वॉशिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. मार्केट में दो तरह पीपीएफ मिलती है. पहली ग्लॉस और दूसरी मैट लुक. आप अपनी पसंद के मुताबिक पीपीएफ चुन सकते हैं.
कैसे लगती है पीपीएफ
· सबसे पहले कार की डीप क्लीनिंग की जाती है. किसी भी गाड़ी पर पीपीएफ करने से पहले उसे अच्छी तरह दो बार वॉश किया जाता है और ये देखते हैं कि कार पर किसी भी तरह की गंदगी न हो.
· दूसरे नंबर पर क्लेइंग प्रोसेस होता है. डीप क्लीनिंग के बाद कार पर एक डिफरेंट टाइप की क्ले को लुब्रिकेंट बनाकर कार की बॉडी पर रगड़ते हैं जिससे बची हुई सारी गंदगी निकल जाती है और कार सरफेस और ज्यादा साफ हो जाती है.
· तीसरे नंबर पर कम्पाउंडिंग प्रोसेस होता है जिसमें कार के सरफेस पर पड़े स्वेलमार्क्स और दूसरे निशान हटाते हैं. स्वेलमार्क वो निशान होते हैं जो कार को कपड़े से साफ करने के दौरान बन जाते हैं. इन्हें साफ करने के लिये कंपाउंडिंग की जाती है. स्क्रैच के हिसाब से अलग अलग ग्रेड के कंपाउंड यूज किए जाते हैं
· इसके बाद आईपीए यानी आइसोप्रोपाइल अल्कोहल यूज किया जाता है जिससे कम्पाउंडिंग के दौरान सरफेस पर छूटी पॉलिश को पूरी तरह से साफ करता है, ताकि पीपीएफ अच्छी तरह से सरफेस पर चिपक जाये
फाइनल कोट पीपीएफ
आईपीए के बाद पीपीएफ की कोटिंग शुरु होती है. इस प्रोसेस में एक सोप जैसा सॉल्यूशन का कार की बॉडी पर स्प्रे किया जाता है। इसके बाद पीपीएफ को सरफेस पर लगाकर स्क्वीजर की हेल्प फाइनल टच दिया जाता है. पीपीएफ का प्रोसेस कांच पर फिल्म चढ़ाने या मोबाइल पर स्क्रैच कवर लगाने जैसा होता है जिससे डस्ट या बबल जैसा ना रह जाये..पीपीएफ एकदम स्मूद रहे इसलिये ये प्रोसेस बंद रूम में होती है जहां धूल या तेज हवा वगैरा नहीं रहती.
पीपीएफ का पैसा और टाइम
इस पूरी प्रोसेस में 3-4 दिन का टाइम लगता है.पीपीएफ लगने के बाद उसे सूखने के लिए भी पूरा टाइम देना होता है और पीपीएफ की पूरी प्रोसेस करने में 3-4 दिन आराम से लग जाते हैं. अगर खर्चे की बात करें तो इसमें 50 हजार से लेकर सवा लाख तक का खर्चा आ सकता है. पीपीएफ की क्वालिटी, ब्रांड , कार का साइज और कार कितनी नई या पुरानी है इन सब फैक्टर्स पर पीपीएफ की कीमत निर्भर करती है.
नोट-अगर आप कार पर पीपीएफ लगवाना चाहते हैं तो किसी ऑथराइज्ड सेंटर से ही लगवायें. अच्छे सेंटर पर खर्चा थोड़ा ज्यादा आ सकता है लेकिन उसकी गारंटी रहती है. कई बार लोकल मैकेनिक पीपीएफ लगा देते हैं लेकिन पूरी प्रोसेस सही से ना फोलो करने थोड़े टाइम के बाद चमक फीकी पड़ने लगती है और कलर में पीलापन आ जाता है.