Advantages of Hybrid Cars: देश में पेट्रोल-डीजल की ऊंचीं कीमतों के चलते ऑटोमोबाइल्स कंपनियां अपनी गाड़ियों को हाइब्रिड विकल्प के पेश कर रही हैं, क्योंकि ये गाड़ियां नार्मल पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में ज्यादा माइलेज देने में सक्षम होती हैं. ऐसी गाड़ियों को ग्राहकों की तरफ से भी अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है. आगे हम आपको हाइब्रिड कारों के बारे में डिटेल में जानकारी देने जा रहे हैं.


हाइब्रिड गाड़ियां


जिस तरह पेट्रोल-डीजल के अलावा गाड़ियां सीएनजी विकल्प के साथ आती हैं, ठीक उसी तरह हाइब्रिड गाड़ियों में एक इलेक्ट्रिक मोटर दी जाती है, जो इंजन को एक्स्ट्रा पावर देने का काम करती है. जिससे इंजन ज्यादा फ्यूल इफिशिएंट हो जाता है. जिन गाड़ियों में पेट्रोल के साथ बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर दी जाती उन्हें हाइब्रिड कहा जाता है. चूंकि इनसे किसी भी तरह का पॉल्यूशन नहीं होता और माइलेज भी ज्यादा मिलता है, इसलिए अब ग्राहक इन गाड़ियों को तेजी से अपना रहे हैं.


3 प्रकार की होती हैं हाइब्रिड गाड़ियां-


हाइब्रिड गाड़ियों के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जोकि माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रांग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड हैं-


माइल्ड हाइब्रिड- ऑटोमोबाइल्स कंपनियां माइल्ड हाइब्रिड कारों में पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर और एक बैटरी (लगभग 48 वोल्ट) का प्रयोग करती हैं, जो इंजन को एक्स्ट्रा पावर देकर माइलेज को बढ़ाने का काम करता है.


स्ट्रांग हाइब्रिड- इन कारों में भी माइल्ड हाइब्रिड वाली ही टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन स्ट्रांग हाइब्रिड गाड़ियों में बैटरी की क्षमता में बढ़ोत्तरी कर दी जाती है. जो इंजन को ज्यादा पावर देने का काम करती है. जिससे फ्यूल की खपत काफी कम होने की वजह से ज्यादा माइलेज मिलता है.


प्लग-इन हाइब्रिड- बाकी हाइब्रिड कारों में चलते समय बैटरी चार्ज होती है, लेकिन प्लग इन कारों को अलग से चार्ज करने का विकल्प भी मिलता है. ये कार पावरफुल बैटरी पैक होने की वजह से जरुरत होने पर इलेक्ट्रिक कार की तरह भी यूज की जा सकती है, साथ ही बाकी दोनों हाइब्रिड गाड़ियों की तुलना में ज्यादा माइलेज देने में सक्षम है. फिलहाल भारत में प्लग-इन कार उपलब्ध नहीं है.


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