Electric Vehicles: तेजी से बढ़ रही है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग, फ्यूल की डिमांड में आएगी कमी
IEA का अनुमान है कि चीन, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की औसत हिस्सेदारी 2030 तक बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो जाएगी, पढ़ें पूरी खबर.
Electric Vehicles Demand: इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने कहा कि सड़क परिवहन और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण ऊर्जा उद्योग पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा, जिससे इस दशक के अंत तक प्रतिदिन पांच मिलियन बैरल तेल की खपत कम हो जाएगी. फिलहाल पूरे विश्व में प्रतिदिन औसतन 100 मिलियन बैरल से अधिक तेल की खपत होती है. आईईए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फतह बिरोल ने एक बयान में कहा, "तेजी से बढ़ रही नई ग्लोबल एनर्जी इकोनॉमी में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ती संख्या और दुनिया भर में तेजी से कार इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव ला रहे हैं.”
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ी बाजार हिस्सेदारी
इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, IEA ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस साल इन वाहनों की वार्षिक बिक्री 35 प्रतिशत बढ़कर 14 मिलियन यूनिट्स के आंकड़े को पार कर जाएगी. इससे अनुमान लगाया जा रहा है 2020 के चार प्रतिशत के मुकाबले इन वाहनों की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 18 प्रतिशत की हो जाएगी. IEA के अनुसार इलेक्ट्रिक कारों के लिए सबसे बड़े तीन बाजार मौजूद हैं, जिसमें चीन, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है.
यूएसए में बढ़ी ईवी सब्सिडी
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने कहा कि चीन, पिछले साल ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है. संस्था के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए इनफ्लेशन रिड्यूसिंग एक्ट जैसे उपायों के कारण आने वाले वर्षों में इन वाहनों की बिक्री को और बढ़ावा देंगे.
दशक के अंत तक फ्यूल डिमांड में आएगी कमी
IEA का अनुमान है कि चीन, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की औसत हिस्सेदारी 2030 तक बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो जाएगी, जिस कारण इस दशक के अंत तक तेल की डिमांड में काफी कमी देखने को मिलेगी.