New Traffic Rules: क्या आपको पता है न? अगर नहीं है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट तो देना होगा 10 हजार का जुर्माना
सितंबर 2019 में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री मंत्रालय ने नियमों में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम को दस गुना तक बढ़ा दिया है.
अगर आपके पास अपनी गाड़ी का वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है तो आपको अगली बार सड़क पर आने पर 10,000 रुपये का जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा. पिछले साल केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री मंत्रालय ने नियमों में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम को दस गुना तक बढ़ा दिया है. पहले पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर मात्र एक हजार रुपये का जुर्माना देना होता था, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ा कर 10,000 रुपये कर दिया है.
क्या होता है PUC? पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन मालिक को तब मिलता है जब गाड़ी प्रदूषण कंट्रोल मानकों पर खरा उतरता है. इस सर्टिफिकेट की मदद से पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण नियमों के अनुसार है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं है. सभी वाहनों को मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है. नई गाड़ी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है. वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है. इसे समय-समय पर री-न्यू कराना पड़ता है.
1,000 से 10,000 रुपये हुआ जुर्माना 1 सितंबर 2019 से दिल्ली में लागू हुए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर जुर्माना 1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक बढ़ा दिया है. दस गुना बढ़ोतरी के कारण दिल्ली के लगभग 1,000 पीयूसी केंद्रों में अचानक भीड़ बढ़ गई थी और परिवहन विभाग ने उस महीने में 14 लाख पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए थे.
'PUC नहीं तो इंश्योरेंस नहीं' सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि आप अपनी व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी के रिन्यू के समय वैलिड पीयूसी पेश करें. 20 अगस्त को जारी इरडा के सर्कुलर में कहा गया है कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली और एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के पालन की स्थिति के बारे में चिंता जताई है. लिहाजा इस निर्देश का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित किया जाए. जुलाई 2018 में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक पीयूसी सर्टिफिकेट न जमा किए जाएं तब तक वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी री-न्यू न किए जाएं.
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