सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं? तो ऐसे करें पूरी जांच-परख, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान
सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त करें पूरी जांच परख. इन ट्रिक से पता लगाएं कहीं डीलर आपको एक्सीडेंटल कार तो नहीं बेच रहा है.
आजकल ज्यादातर लोग 4 व्हीलर में सफर करना पसंद करते हैं. जिन लोगों के पास ठीक-ठाक पैसा होतो है वो लोग नई कार खरीद लेते हैं लेकिन जिनके पास कम बजट होता है वो लोग सेकेंड हैंड कार से ही काम चला लेते हैं. मार्केट में सेकेंड हैंड कारों का भी एक बड़ा सेगमेंट है. हालांकि सेकंड हैंड कार की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कई तरह के फ्रॉड के मामले में भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में अगर आप ऑनलाइन कार खरीद रहे हैं तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है. ऑनलाइन में आपको कोई और कार दिखाकर दूसरी कार बेच देते हैं. ऐसे कई मामले भी सामने आ चुके हैं इसलिए सेकेंड हैंड कार ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन तरीके से ही खरीदने की कोशिश करें. इसके अलावा जब भी पुरानी कार खरीदें तो अच्छी तरह से जांच-परख लें. आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं जिससे आप चुटकियों में ये पता लगा सकते हैं कि कार की कंडीशन कैसी है और कहीं कार एक्सीडेंट वाली तो नहीं है?
कार की कंडीशन और एक्सीडेंट का ऐसे पता लगाएं
1 जब आप कार खरीदने जाते हैं तो आपको डीलर्स कार की सारी खूबियां बड़े तरीके से बताते हैं लेकिन आपको कोई ये नहीं बताएगा कि कार एक्सीडेंटल है या नहीं. ऐसा बहुत बार होता है जब एक्सीडेंट वाली कार में नया पेंट और रिपेयर करके डीलर लोगों को बेच देते हैं. इसकी बड़ी वजह ये भी है कि साधारण आदमी को ये पता लगाना मुश्किल होता कि कार का एक्सीडेंट हुआ है. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि कार के चेसिस, डूम और पिलर से कार के एक्सीडेंट का पता लगाया जा सकता है. कार खरीदते वक्त चेसिस को नीचे की ओर से चारों ओर से देखें कि कहीं कोई प्ले या बेंड तो नहीं है. अगर आपको प्ले या बेंड नज़र आए तो समझो कार का एक्सीडेंट हुआ है.
2- इसके अलावा कार के एक्सीडेंट का पता लगाने के लिए आप कार के पिलर्स को भी अच्छी तरह से चेक कर लें. पिलर्स को देखकर भी काफी हद तक कार के एक्सीडेंटल का पता लगाया जा सकता है. कार के दरवाजे खोलेंगे तो वहां पिलर्स पर लगी रबर को हटा कर चेक कर लें. अगर आपको बहुत सारे डॉट दिखें और इनमें क्रेक या जॉइंट दिखे तो गाड़ी के एक्सीडेंटल होने का पता लगाया जा सकता है.
3- साथ ही आप कार के डूम को चेक करके भी एक्सीडेंट का पता लगा सकते हैं. इसके लिए बोनट खोलकर इंजन के पीछे जहां सस्पेंशन लगा होता है वहां डूम होगा. इस डूम पर सस्पेंशन टिका होता है. अगर ये हिस्सा क्षतिग्रस्त है तो समझो कार का एक्सीडेंट हुआ है. डूम पर कंपनी की पेस्टिंग होती है, जो एक्सीडेंट के बाद निकल जाती है. इसे दोबारा नहीं लगाया जा सकता है. 4- एक्सीडेंटल कार की पहचान करने का एक और तरीका है कि कार को बिल्कुल समतल जगह पर खड़ी कर दें. अब दूर जाकर सेंटर में खड़े होकर गाड़ी की बनावट को ध्यान से देखें. इसी तरह कार के बैक साइड में खड़े होकर भी चेक करें. अगर आपको दोनों साइड शेप में कोई अंतर दिखाई दे, तो समझो कार का एक्सीडेंटल हुआ है. हैचबैक कार को 6 से 7 फीट और एसयूवी कार को आप 9 से 10 फीट की दूरी से देख सकते हैं.
5- अगर कार का कोई हिस्सा झुका हुआ या उठा दिखे, तो इससे भी कार के एक्सीडेंट का अंदाजा लगाया जा सकता है. आपको जहां शक हो उस जगह की रबर खोलकर पिलर्स की पेस्टिंग जरूर चेक कर लें. एक बार एक्सीडेंट होने पर कार की पेस्टिंग बिगड़ जाती है जिसे दोबारा ठीक करना काफी मुश्किल होता है. इस तरह आप आसानी से कार के एक्सीडेंट का पता लगा सकते हैं.