आजकल मार्केट में नई लॉन्च होने वाली कारों में आपको टर्बोचार्ज्ड इंजन मिलेगा. ज्यादातर कंपनियां इसका इस्तेमाल कर रही हैं. आपको पेट्रोल और डीजल दोनों ऑप्शन में टर्बो चार्ज्ड इंजन मिल जाएगा. टर्बोचार्ज्ड इंजन की खासियत है कि ये नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन से कहीं ज्यादा ताकतवर होते हैं. लेकिन बहुत सारे लोगों को अभी इस इंजन का सही इस्तेमाल करने का तरीका नहीं पता होता. नैचुरील एस्पिरेटेड इंजन का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है इसलिए उसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी है. ऐसे में हम आपको टर्बोचार्ज्ड इंजन के इस्तेमाल का सही तरीका बता रहे हैं. जिससे आप अपनी कार से ज्यादा माइलेज पा सकते हैं.


1- तेजी से ब्रेक न लगाएं- भारत में लोग स्पीड में कार चलाते हैं. अक्सर लोग रेड लाइट या स्पीड ब्रेकर पर तेजी से ब्रेक का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको ऐसा करने से बचना है. इससे आपका काफी फ्यूल बर्बाद हो जाता है. ब्रेक लगाने के लिए आपको एक्सलरेटर पेडल को छोड़ा देना चाहिए. इसा ककने से कार अपने आप धीमी हो जाएगी. आजकल कारों में फ्यूल-इंजेक्शन टैक्निक का इस्तेमाल किया जाता है जिसका फायदा ये है कि इंजन अपने आप कट-ऑफ हो जाता है.


2- जल्दी गियर बदलना- टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन में करीब 2,000 RPM पर रेव रेंज में जल्दी शिफ्ट कर देना चाहिए. खास बात ये है कि गियर शिफ्टिंग के वक्त मैक्सिमम टॉर्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसे में आप ट्रर्बो पेट्रोल इंजन में जल्दी गियर बदलते हैं तो इससे इंजन ज्यादा रेविंग नहीं करता और इससे आपका फ्यूल ज्यादा बर्न होगा. इससे कार के माइलेज पर भी असर पड़ता है


3- टॉर्क का ख्याल रखें- टर्बोचार्ज्ड इंजन का इस्तेमाल करते समय आपको टॉर्क ग्राफ का भी बहुत ख्याल रखना चाहिए. टॉर्क ग्राफ ये शो करता है कि आप मैक्सिमम टॉर्क कब इस्तेमाल करते हैं. ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बार आपको टॉर्क का इस्तेमाल करना पड़े. इसलिए आपको कार को किक करने के लिए मैक्सिमम टॉर्क का इंतजार नहीं करना पड़ता है. आप 2,000 RPM पर भी अच्छी स्पीड पकड़ सकते हैं. इससे आपकी कार का माइलेज भी बढ़ेगा.


4- स्पीड कम करने के लिए गियर डाउनशिफ्ट करें- कार की स्पीड कम करने के लिए ब्रेक का इस्तेमाल न करके गियर को डाउनशिफ्ट भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको रेव-मैचिंग की प्रोसिस को अपनाना होगा. मतलब आप थ्रॉटल को ब्लिप करते हैं जिससे डाउनशफ्ट करने पर यह आपके निचले गियर के रेव्स से मेच हो जाए. ऐसा करने के लिए आपको क्लच दबाना होगा. इसके बाद ये एक गियर नीचे शिफ्ट हो जाता हैं. क्लच को बंद करने से पहले एक्सलरेटर को दबाने की भी जरूरत होगी.


5- एक स्पीड में गाड़ी चलाएं- अगर आप हाईवे पर ड्राइव करते हैं तो कोशिश करें आपकी कार की स्पीड एक जैसी बनी रहे. बार-बार क्लच, गियर बदलना और थ्रोटल इनपुट के इस्तेमाल से ज्यादा फ्यूल खर्च होता है. आप इस बात को भी ध्यान में रखें कि कार हायर गियर में हो और इंजन के रेव्स स्टेबल रहें. हाईवे पर क्रूज कंट्रोल का सहारा लें. इससे कार का माइलेज भी ठीक रहेगा.


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