BYD Cars: टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक, एक सप्ताह पहले ही यह घोषणा की गई थी कि दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियों में से एक बीवाईडी (बिल्ड योर ड्रीम्स) हैदराबाद बेस्ड मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ मिलकर ईवी और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए भारत के सामने 1 बिलियन डॉलर के निवेश प्रपोजल रखा है. लेकिन जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.


दोनों कंपनियों ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग को दिए अपने आवेदन में हैदराबाद में एक इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का प्रस्ताव रखा था.


DPIIT ने इस प्रस्ताव पर कई अन्य विभागों से भी राय मांगी थी. इसमें विचार-विमर्श के दौरान भारत में चीन के निवेश को सुरक्षा संबंधी चिंताओं का भी ध्यान रखा गया, साथ ही मौजूदा नियमों के हिसाब से ऐसे निवेश को मंजूरी नहीं दी जा सकती.


DPIIT को दिए गए अपने प्रपोजल के मुताबिक, निर्माता कंपनियां हर साल 10,000-15,000 इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग करने का दावा कर रहीं थी. इस वेंचर में मेघा निवेश कर रही थी, जबकि बीवाईडी टेक्नोलॉजी और जानकारी देने वाली थी.


ये कदम भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच उठाया गया है. एक और चीनी फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर ग्रेट वॉल मोटर ने भी 1 बिलियन डॉलर के निवेश प्रस्ताव के साथ भारतीय बाजार में एंट्री करने की कोशिश की थी. इसके अलावा जीएमडब्ल्यू को भी लगभग ढाई साल के इंतजार के बाद सरकार से मंजूरी प्राप्त करने में असफलता मिली और पिछले साल जुलाई में भारत में अपनी निवेश की योजना को स्थगित करना पड़ा था.


बीवाईडी इस समय भारतीय बाजार में दो इलेक्ट्रिक कारों Atto 3 और e6 की बिक्री करती है. इसके अलावा इस साल के आखिर तक कंपनी अपनी सील ईवी को भारत में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. बीवाईडी सील इलेक्ट्रिक कार को जनवरी में हुए ऑटो एक्सपो में दिखाया गया गया था. इसकी एंट्री Atto 3 और e6 की तरह ही SKD (सेमी-नॉक्ड डाउन किट) रुट से हो सकती है.


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