मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग इतिहास में सबसे कठिन समय में से एक का सामना कर रहा है और जीएसटी और प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपज नीति को कम करने के लिए सरकार के समर्थन की जरूरत है.


आयुकावा, जो ऑटो उद्योग निकाय SIAM के अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी और पिछले वित्त वर्ष से चल रही मंदी के कारण ये क्षेत्र कई साल पीछे चला गया है.


वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण, उन्होंने कहा, भारत में ऑटो उद्योग ने वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के निर्माण में भाग लिया और वायरस से लड़ने के लिए विदेशों से परीक्षण किट का आयात किया, हालांकि बिक्री में भारी गिरावट आई है.


आयुकावा ने ऑनलाइन आयोजित किए गए सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 60 वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि, "अगस्त में हम कह सकते हैं कि हम पिछले साल की तुलना में प्रदर्शन को प्राप्त करने के लिए अपने पैरों पर वापस आ चुके हैं. पिछले साल से ये अच्छी तुलना नहीं है क्योंकि उद्योग में 15-25 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि देखी गई थी. इस नकारात्मक वृद्धि ने उद्योग कई सालों तक पीछे ढकेल दिया है.''


ऑटोमोबाइल पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 10 फीसदी तक कम करने के ऑटो उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग को दोहराते हुए, आयुकावा ने कहा, "हम इतिहास में सबसे कठिन समय में से एक का सामना कर रहे हैं. उद्योग को आपके समर्थन की आवश्यकता है.''


उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद दिया, जिन्होंने सभा को आश्वासन दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जीएसटी कटौती के मामले को उठाएंगे.


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