Car Sales in 2022: साल 2022 में यात्री और कमर्शियल सहित कुल 4.25 मिलियन से अधिक वाहनों की बिक्री के साथ भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है. मांग और आपूर्ति के मामले में चीन और अमेरिका दुनिया पहले दो ऑटोमोबाइल बाजार हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने कहा कि भारत 2028 तक यानि अगले 5 वर्षों में चीन और अमेरिका को पछाड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा कार बाजार बन जाएगा. भारत को ओईएम यानि मूल उपकरण निर्माता से नए निवेश मिलेंगे और एक्सपोर्ट में लाभ मिलेगा.


इतने बिके वाहन


साल 2022 में, चीन में कुल 26.86 मिलियन कारों की बिक्री हुई, जबकि भारत में कुल 20.75 मिलियन वाहन बेचे गए. ग्लोबल वाहन निर्माता ब्रैंड्स ने चीन में बिक्री में गिरावट दर्ज की है और अब वे भारत की ओर रुख कर रहे हैं. बढ़ती आय और एक बड़े युवा आबादी के कारण बाजार में मांग की स्थिति मजबूत हुई है. दिसंबर 2022 में, देश में यात्री वाहनों, तिपहिया वाहनों, दोपहिया वाहनों और क्वाड्रिसाइकिलों की कुल 1,557,238 यूनिट्स का प्रोडक्शन हुआ था. 


ईवी की बढ़ेगी हिस्सेदारी


भारत में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों और ऑटोनॉमस वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है. सरकार का लक्ष्य अगले 8 वर्षों में ईवी की बिक्री को 30 प्रतिशत तक बढ़ाना है, जिसमें दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत और कमर्शियल वाहनों के लिए 70 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है. EVs को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने पिछले कुछ वर्षों  में प्रचार प्रसार और कई नीतियों की घोषणा की है. जिसमें व्हीकल रजिस्ट्रेशन फीस, ईवी खरीद पर  सब्सिडी, कम लोन इंटरेस्ट रेट और रोड टैक्स पर छूट शामिल हैं.


भारत में होंगे नए निवेश


मारुति सुजुकी ने हाल ही में सोनीपत, हरियाणा में अपने खरकोदा संयंत्र के लिए 18,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जिसे अगले 7 वर्षों में पूरा किया जाएगा. जबकि एमजी मोटर इंडिया अगले पांच वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बना रही है. हुंडई का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में तमिलनाडु में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है.


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