FAME Scheme II: 7 टू-व्हीलर कंपनियों से 469 करोड़ वसूल करेगी सरकार, फेम II सब्सिडी उल्लंघन का है मामला!
सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है, कि सरकार इनमें से किसी को भी मैन्युफैक्चरिंग करने से नहीं रोक रही है, लेकिन अब इन कंपनियों को इस स्कीम के तहत इंसेंटिव का लाभ नहीं दिया जायेगा.
Electric Two-Wheeler Subsidy: केंद्र सरकार ने 7 इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बनाने वाली कंपनियों से 469 करोड़ रुपये वापस करने को कहा है. इन कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. जिसकी वजह इन कंपनियों का फेम II नियमों पर खरा न उतरना है. वहीं अगर ये कंपनियां सरकार को ये पैसा वापस नहीं करतीं, तो इन्हें अगले 7-10 दिनों में डी-रजिस्टर कर दिया जा सकता और इन्हें आगे इस स्कीम में शामिल नहीं किया जायेगा.
भारी उद्योग मंत्रालय इंडस्ट्री मंत्रालय द्वारा की जांच में हुए खुलासे के मुताबिक, इन कंपनियों ने फेम स्कीम के तहत मिलने वाले इंसेंटिव को लेने के लिए नियमों का उलंघन किया था.
नियमों के मुताबिक, फेम स्कीम के तहत उन इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बनाने वाली कंपनियों को इंसेंटिव का लाभ दिया जाना था, जो अपने टू व्हीलर्स में मेड इन इंडिया कंपोनेंट्स का यूज कर रहे हैं. जबकि इन कंपनियों ने इम्पोर्टेड पार्ट्स का प्रयोग किया है.
सरकार की तरफ से दी गयी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, जांच में 6 कंपनियों को पूरी तरह सही पाया गया, जबकि 7 कंपनियों को नियमों को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया. इसलिए इनसे 469 करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया है और उन्हें ये पैसा सरकार को वापस करना पड़ेगा.
इन सात कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पेयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो जैसी कंपनियां शामिल हैं.
मंत्रालय को ये जांच तब शुरू करनी पड़ी जब कई अनजान मेल मिलने लगे, जिनमें ये दावा किया गया कि, कई इलेक्ट्रिक टू व्हीलर कंपनियां फेम II के नियमों का पालन न करते हुए भी इंसेंटिव ले रहीं हैं. जबकि इस स्कीम का मकसद घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है. इसके बाद मंत्रालय ने कुछ समय के लिए सब्सिडी को रोक दिया.
वहीं इन सात कंपनियों में से 2 कंपनियों ने मंत्रालय से संपर्क कर लिए गए इंसेंटिव को ब्याज समेत वापस लौटाने के लिए कहा है.
वहीं सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है, कि सरकार इनमें से किसी को भी मैन्युफैक्चरिंग करने से नहीं रोक रही है, लेकिन अब इन कंपनियों को इस स्कीम के तहत इंसेंटिव का लाभ नहीं दिया जायेगा.