Six Airbags in Cars: भारत में मास-मार्केट कार निर्माता कंपनियां कारों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) के लिए छह एयरबैग को नए स्टैंडर्ड के तौर सेट करने की दिशा में काम कर रही हैं. बाजार की बदलती गतिशीलता और उपभोक्ता सुरक्षा विकल्पों के कारण यह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार में होने वाला एक बड़ा बदलाव है. एक समय केवल प्रीमियम और लक्जरी कारों में देखे जाने वाले छह एयरबैग अब भारत में औसत कार खरीदार के लिए अधिक सुलभ और किफायती दाम पर उपलब्ध होगा. सरकार ने पिछले महीने स्पष्ट किया था कि छह एयरबैग अनिवार्य नहीं हैं (भारत में, दो एयरबैग अनिवार्य हैं), वाहन खरीदते समय सुरक्षा के तुलनात्मक मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी पूरी तरह ग्राहक पर ही छोड़ निर्भर है. 


भारत में होती है सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं


देश में सड़क सुरक्षा पर ध्यान बढ़ रहा है और सुरक्षित वाहनों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. इस दिशा में सरकार ने भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम शुरू किया, जो कि 1 अक्टूबर से प्रभावी है. यह स्थानीय रूप से निर्मित वाहनों के लिए देश का पहला क्रैश टेस्टिंग स्टैंडर्ड है. ग्लोबल लेवल पर भारत दुनिया की वाहन आबादी का केवल 1% होने के बावजूद, सड़क दुर्घटनाओं में पहले स्थान पर है.


क्या कहती है रिपोर्ट


जाटो डायनेमिक्स के अनुसार, भारत में छह एयरबैग वाली मास-मार्केट कारों की हिस्सेदारी 2023 में 1,443 वेरिएंट में बढ़कर 46% हो गई. ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता कंपनी हुंडई मोटर ने हाल ही में भारत के लिए अपनी कारों की पूरी रेंज के स्टैंडर्ड तौर पर 6 एयरबैग देने की घोषणा की है. इसके अलावा टाटा मोटर्स और महिंद्रा समेत अन्य कई वाहन निर्माता कंपनियां भी अपने सभी वाहनों में स्टैंडर्ड तौर पर 6 एयरबैग देने की ओर काम कर रही हैं.


यह भी पढ़ें :- मारुति की एरिना कारों पर मिल रही है भारी छूट, जल्दी उठाएं मौके का फायदा


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI